
क़ुतुब अन्सारी
बहराइच l सरकारी राशन की गोदाम पर भ्रष्टाचार का खेल खुलेआम चल रहा है। इससे परेशान कोटेदारों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई है। यहां पर राशन कटौती के साथ ही धन उगाही तेजी से किया जा रहा है, बता दे सर्वजनिक वितरण प्रणाली गरीबों का पेट भरने के लिए शुरू की थी। लेकिन यह प्रणाली भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती चली गई। गरीबों को वितरण के लिये गोदाम से मिलने वाली राशन की बोरियों में 51 किलो की जगह होता है 6से 8 किलो गेहूँ और चावल कम लाभर्थियों तक पहुंचने के पहले प्रति यूनिट पर एक किलो कम हो जाता है कई गांवों मे कोटेदारों का इसका जबरदस्त विरोध झेलना पडता है। कोरोना महामारी व लाकडाउन मे गोदाम पर हो रहे भ्रष्टाचार तो कोटेदारों पर भारी पड रहा है।
जिसको लेकर फखरपुर ब्लॉक के कोटेदार मीना, मायावती, अम्बरीश कुमार, राजकुमार, सरोजकुमारी, शिवकुमार, समेत दर्जनों कोटेदारों ने जिलाधिकारी समेत उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग की दिए गए पत्र में बताया कि होम स्टेप डिलीवरी ठेकेदारों द्वारा की जाती है।गोदाम कर्मचारियों के द्वारा दस रुपया प्रतिकुंतल लोडिंग,एवं अनलोडिंग पल्लेदारी व तौल के नाम 200 रुपया सख्ती से वसूला जाता है, पूछने पर कोटेदारों से अभद्रता व बदसलूकी की जाती है। फखरपुर क्षेत्र के कोटेदार लल्लन, अमरेश पांडेय, कृष्ण मुरारी तिर्पाठी सुपनी, अमरीश शुक्ला हैबत पुर, संजीव सरायअली, सोनू अलीपुर हनुमान समदा क्रिष चंद भीलोरा बसन्ती, फुलनदेवी खपुरवा मिना देवी ढखेरवा, प्यारे लाल बेलाहरी सहित दर्जनों कोटेदारों ने जिलाधिकारी से की शिकायत। अब देखना ये है कि क्या होगी कार्यवाही। क्या कोटेदारों का सुना जायेगा दर्द।