अनादिकाल से बह रही सनातन संस्कृति की अमृत धारारू श्रील नवयोगेंद्र

हल्दूचौड़। श्रील नित्यानंद पाद आश्रम श्री गौर राधा कृष्ण मंदिर गौधाम में चल रही श्रीरामकथा के पारायण अवसर पर इस्कान के अंतरराष्ट्रीय संत श्रील नवयोगेंद्र स्वामी ने रमाकांत पंत द्वारा लिखित जय मां बगलामुखी पुस्तक का विमोचन किया गया। श्री रामनवमी महापर्व के इस पावन अवसर पर दशमहाविद्याओं में एक आदि शक्ति बगलामुखी देवी की अलौकिक महिमा पर लिखित पुस्तक का विमोचन करते हुए श्रील नवयोगेन्द्र स्वामी ने इसे अपना सौभाग्य बताया।

उन्होंने कहा कि ऐसे दिव्य अवसर योगेश्वर श्री कृष्ण और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की कृपा से ही प्राप्त होते हैं। श्री नवयोगेंद्र महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति की अमृत धारा अनादिकाल से ही इस भूमंडल में अविरल प्रवाहित है और अनंत काल तक प्रवाहित रहकर विश्व कल्याण का वाहक रहेगी। सनातन संस्कृति का प्रवाह सतत बनाए रखने के लिए कभी आदि शक्ति विविध स्वरूपों में अवतार लेती हैं तो कभी भगवान श्रीराम तथा भगवान श्री कृष्ण इस धराधाम में नर रूप में अवतार लेकर सनातन के महान मूल्यों को सींचते हुए प्राणीमात्र का कल्याण करते हैं।

उन्होंने कहा एक निश्चित कालखंड में भगवान स्वयं तो आते ही हैंए साथ ही समय.समय पर अपने सच्चे व प्रिय भक्तों को धर्म का प्रहरी बनाकर भी धरती पर भेजते हैं। उन्होंने माता बगला मुखी देवी की अलौकिक शक्तियों पर प्रकाश डाला और मां की महिमा पर पुस्तक लिखने के लिए रमाकांत पंत को बधाई दी। पुस्तक के लेखक रमाकांत पंत ने पूज्य गुरुदेव श्रील नवयोगेंद्र महाराज का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरुदेव का दिव्य स्नेह तथा रामेश्वर दास का पावन सानिध्य उनके लिए सर्वथा सुलभ रहा है। इसके लिए वह कृतज्ञ हैं। इस अवसर पर ललित पंतए गोपीनाथ नारद मुनिए चंदू खोलियाए भैरव खोलिया आदि मौजूद रहे।

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