
बरेली। 43600 का आदेश रद्द करने नाइट ड्यूटी सीलिग लिमिट और एक जुलाई 2017 से रिकवरी आदेश वापस लेने, निजीकरण बंद करने जैसे ओपन लाइन स्टाफ को 50 लाख का जीवन बीमा की मांग को लेकर रेलकर्मी आंदोलित हो उठे। जिसको लेकर 31 अक्टूबर को रेलकर्मी व स्टेशन मास्टर ने भूखे रहकर ट्रेनों का संचालन किया। आल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन मंडल के सदस्यों का कहना है कि 31 अक्टूबर को देश भर के स्टेशन मास्टर आन ड्यूटी व आफ ड्यूटी 12 घंटे भूखे रहकर ट्रेनों का संचालन किया वही बता दे कि स्टेशन मास्टर पिछले कई दिनों से विभिन्न तरीकों से अपना गुस्सा सरकार के प्रति जाहिर कर रहे हैं।

वही इससे पहले कर्मचारियों ने 15 अक्टूबर को पूरे देश में शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक कैंडल जलाकर विरोध प्रदर्शन किया इसके बाद 20 से 26 अक्टूबर सभी स्टेशन मास्टरो ने ड्यूटी पर काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन किया इस बीच ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के जोनल अध्यक्ष एस परिहार ने बताया कि सरकार का यह रवैया श्रम विरोधी कानून के उलट है जिसके लिए सरकार का यह निर्णय बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस बीच उन्होंने रेलवे के अन्य संगठनों से भी इसका विरोध करने का आह्वान किया। इस बीच जोनल सचिव सुमीर आइमा ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर सरकार द्वारा काला कानून वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन और तेज होगा। वही उन्होंने कहा कि नवंबर माह में भुगतान होने वाले नाइट ड्यूटी एलाउंस में कटौती कर दी गई है। अगर इस आदेश को रेल प्रशासन वापस नहीं लेता है तो इससे भी बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे।