पीएम मोदी के इस ख़ास योजना की ओर बढे दिल्ली मेट्रो के कदम

दिल्ली मेट्राे के फेज चार में मेट्राे स्टेशनाें पर स्वदेशी लिफ्ट लगाये जाएंगे. पहली बार एस्केलेटर को 65% तक स्वदेशी बनाया जाएगा. डीआरएमसी के अनुसार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर काम किया जाएगा. जॉनसन लिफ्ट्स, चेन्नई काे टेंडर दिया जा चुका है. यह कंपनी लिफ्ट और एस्केलेटर की डिजाइन, निर्माण, सप्लाई, इंस्टॉलेशन, टेस्टिंग और कमीशनिंग के साथ 15 वर्षों तक मेंटेनेंस करेगी.

इसके लिए जॉनसन लिफ्ट्स और डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक, डॉ मंगू सिंह के बीच समझाैते पर हस्ताक्षर किया जा चुका है. डीएमआरसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुज दयाल के अनुसार इससे ‘मेक इन इंडिया’ पहल को और बढ़ावा मिलेगा. इस मॉडल के तहत, डीएमआरसी इन लिफ्टों और एस्केलेटरों के चालू होने के बाद लीज और मेंटेनेंस शुल्क का मासिक भुगतान जारी करेगा. इन 15 वर्षों के दौरान संपूर्ण मेंटेनेंस कॉन्ट्रेक्टर द्वारा किया जाएगा। सिस्टम को उनकी 24X7 ऑनलाइन निगरानी के प्रावधान के साथ इंस्टॉल किया जाएगा.

डीएमआरसी के फेज 4 में कुल तीन कॉरिडोर होंगे. ये कॉरिडाेर जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम मार्ग, मजलिस पार्क-मौजपुर और तुगलकाबाद-एरोसिटी हैं. ये 65 किलोमीटर के होंगे. तीनों कॉरिडोर मिलाकर 45 स्टेशन बनाए जायेंगे. डीएमआरसी के मुताबिक इन 45 स्टेशन पर 179 लिफ्ट और 323 एस्केलेटर लगेंगे. भारत में पहली बार मेट्रो स्टेशन पर एक बार में लगभग 20 यात्रियों की क्षमता वाले लिफ्ट लगेंगी. पहले के चरणों में, डीएमआरसी के पास केवल 8 से 13 यात्रियों की वहन क्षमता वाली लिफ्ट थी. सुरक्षा बढ़ाने के लिए पहली बार फेज 4 के लिफ्टों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे.

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