सुब्रत रॉय सहारा ने अपने जीवन काल में भारतवर्ष में आध्यात्मिकता को बढ़ावा दिया और साथ ही भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया

[ फ़ाइल फ़ोटो ]

दैनिक भास्कर ब्यूरो ,

नई दिल्ली। जाने-माने उद्योगपति सुब्रत रॉय सहारा का अंतिम संस्कार मुंबई में किया गया। उनके आखिरी दर्शन के लिए कई जानी मानी हस्तियां मौजूद थीं। इंडिया टुडे ने उनका नाम भारत के 10 सर्वाधिक शक्ति संपन्न लोगों में शामिल किया था। उन्होंने सन् 1978 में सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की। सन् 2004 में टाइम पत्रिका ने सहारा समूह को भारतीय रेल के बाद दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता बताया था। वे पुणे वॉरियर्स इंडिया, ग्रॉसवेनर हाउस, एमबी वैली सिटी, प्लाजा होटल, ड्रीम डाउनटाउन होटल के मालिक हैं।

सहारा श्री पूर्णतया राष्ट्र को समर्पित एवं भारतीय संस्कृति को समर्पित थे। सहारा श्री ने भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए माय तीर्थ इंडिया स्टार्टअप को पूर्ण सहयोग दिया। उनका मिशन था की माय तीर्थ इंडिया के माध्यम से संपूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया जाए। वो चाहते थे की माय तीर्थ इंडिया ऐसा महत्वपूर्ण प्लेटफार्म हो जहां पर विश्व के समस्त भारतीयों का संभी धर्मिक आवश्यकताएं पूरी हो सके चाहे वो तीर्थ यात्रा हो या विश्व के किसी भी कोने से विश्व के किसी भी दूसरे कोने में भारतीय संस्कृति से जुड़ी आवश्यकता हो।

माय तीर्थ इंडिया सहारा श्री के इस मिशन को पूरा करने के लिए दिन रात प्रयास कर रही है। सहाराश्री का निधन इस मिशन के लिए अपूरणीय हानि है। सहाराश्री ने माय तीर्थ इंडिया को पूर्ण प्रोत्साहन और समर्थन दिया था।

सहारा श्री स्वयं एक उदाहरण थे कि किस प्रकार वे एक स्वप्न को देख कर उसे पूरा किया जा सके। जिस प्रकार उन्होंने स्वयं जमीन से प्रगति कर के व्यवसाय एवम सामाजिक रूप से अपने नाम की स्थापना की उसी प्रकार से उन्होंने अनेक लोगों को प्रोत्साहन, समर्थन और सहयोग की वे लोग व्यवसाय एवम भारतीय संस्कृति की विश्व में स्थापना कर सके। माय तीर्थ इंडिया के माध्यम से सहारा श्री अनेक लोगों को रोजगार देना चाहते थे जो कि भारतीय संस्कृति से जुड़ कर देश की सेवा कर सके।

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