सफल रहा चारबाग से आईटी कॉलेज तक लखनऊ मेट्रो का पहला ट्रॉयल रन, देखे ये फोटोज…

लखनऊ।  अभी तक ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग तक चल रही लखनऊ मेट्रो ने शुक्रवार सुबह तड़के चारबाग से जमीन के नीचे (अंडरग्राउंड सुरंग) हजरतगंज, केडी सिंह बाबू स्टेडियम होते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय होते हुए आईटी कॉलेज पहुंची। मेट्रो एमडी कुमार केशव ने खुद निरीक्षण को कमान किया। मेट्रो ट्रेन में 300 बोरी बालू को लादा गया। रैम्प पर 10 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से उतरते समय इमरजेंसी ब्रेक भी लगाए गए। जिससे लोड के समय ट्रेन पर पड़ने वाले भार को नापा जा सका। इसके बाद भीतर मेट्रो के स्टेशनों से गुजरते हुए हजरतगंज में भी उसे रैम्प पर खड़ा किया गया। जिससे ऊंचाई पर मेट्रो को रोकने पर होने वाले दबाव को परखा जा सका।

एलिवेटेड कारिडोर पर आने पर परिवर्तन चौक और लविवि कर्व पर भी ट्रायल कर ऑपरेशन और सेफ्टी से जुड़े परीक्षण हुए। इसके ठीक पीछे दूसरी ट्रेन भी आ गई। दोनो को गोमतीनगर स्पैन पर 36 घंटे तक रोका जाएगा। बता दें कि ट्रायल रन की रिपोर्ट 31 जनवरी को देना होगा। जबकि एक जनवरी से मेट्रो के सिग्नल की फीटिंग का काम शुरू हो जाएगा। सिग्नल सहित तकनीकी कमियों को दूर कर मेट्रो का कॉमर्शियल रन 15 फरवरी तक शुरू करने की तैयारी है। सुबह चार बजे से मेट्रो के निदेशक ऑपरेशन और रोलिंग स्टॉक सहित सभी बड़े अधिकारी चारबाग पहुंच गए थे। एमडी कुमार केशव जब चारबाग मेट्रो स्टेशन पहुंचे तो अपनी टीम का उत्साहवर्धन किया।

खुद पूरा निरीक्षण किया और फिर मेट्रो के वापस गोमती नदी स्पैन पर वापस आकर खड़ा करने के बाद ट्रायल सफल होने पर टीम की सराहना भी की। उत्तर प्रदेश की राजधानी में आबाद जिस हजरतगंज ने 200 साल के अधिक के सफर में इक्का गाड़ी से लेकर इठलाती मोटर कार का कारवां देखा। उसी हजरतगंज ने सुबह 9:15 बजे पहली बार मेट्रो का दीदार किया। जिसने भी देखा वह बहुत खूब कहता रह गया। उल्लास और उमंग इसलिए ज्यादा था क्योंकि अब तक मेट्रो ट्रांसपोर्ट नगर से केवल चारबाग तक चल रही थी। जिस कारण शहर के अधिकांश इलाकों के लोग मेट्रो की सवारी नहीं कर पा रहे थे। मेट्रो ने अपना पहला ट्रायल रन पूरा किया।

उत्तर दक्षिण का लखनऊ मेट्रो कॉरिडोर के चारबाग से मुंशी पुलिया तक अगले साल फरवरी में कॉमर्शियल रन की तैयारी है। इस बीच लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन के अधिकारियों ने एमडी कुमार केशव के साथ शुक्रवार को पहला ट्रायल रन पूरा किया। रात दो बजे चार बोगियों वाला रैक ट्रांसपोर्ट नगर डिपो से चारबाग मेट्रो स्टेशन लाकर खड़ा किया गया। चार बजते ही रैक को प्लेटफार्म के आगे निकालकर रैम्प पर खड़ा किया गया। इसके बाद मेट्रो 7:25 बजे रवाना हुई। मेट्रो 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलती रही।

रैम्प पर उतरने के बाद सुरंग से पहले मेट्रो को सात बार रोका गया। इस दौरान आगे की क्लीयरेंस मिलने पर मेट्रो 7:54 बजे सुरंग के अंदर पहुंच गई। भीतर मेट्रो 1:21 घंटे तक चली। इस दौरान हुसैनगंज, सचिवालय और हजरतगंज होते हुए मेट्रो सुबह 9:15 बजे हजरतगंज में सुरंग से बाहर निकली। केडी सिंह स्टेडियम मेट्रो स्टेशन से पहले रैम्प पर चढ़ते हुए मेट्रो को पांच मिनट तक रोका गया। यहां से निकलकर मेट्रो परिवर्तन चौक कर्व से होते हुए गोमती नदी के स्पेशल स्पैन पर पहुंची। करीब पांच मिनट रोकने के बाद मेट्रो को लविवि और फिर आइटी कॉलेज तक गई।

उत्तर दक्षिण कॉरिडोर में कुल 21 स्टेशन

लखनऊ मेट्रो के उत्तर दक्षिण कॉरिडोर में कुल 21 स्टेशन पड़ते हैं। जो कि चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से लेकर मुंशी पुलिया तक हैं। अभी ट्रांसपोर्ट नगर से लेकर चारबाग तक केवल आठ स्टेशनों के बीच ही मेट्रो दौड़ रही है। एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक कुल 21 मेट्रो स्टेशन पड़ेंगे। इसमें 18 एलिवेटेड और तीन स्टेशन भूमिगत होंगे। एलिवेटेड ट्रैक 19.43 किलोमीटर का जबकि भूमिगत ट्रैक 3.44 किलोमीटर का होगा।

अब चारबाग स्टेशन, आलमबाग बस अड्डे और एयरपोर्ट से सीधे हजरतगंज से लेकर लविवि और मुंशी पुलिया तक का इलाका जुड़ जाएगा। हजरतगंज में सचिवालय, बापू भवन, एनेक्सी सहित कई बड़े सस्थान होंगे जबकि लविवि और आइटी जैसे शिक्षण संस्थान में पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए भी यह बेहतर विकल्प होगा।

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