त्याग-समर्पण स्नेह धैर्य व दायित्व की प्रतिमूर्ति “माँ”..
“जीवनदायिनी माँ कैसे में तुम्हारा ऋण चुकाऊं, जान न्यौछावर करके भी तेरा ऋणी रह जाऊं, चाहूं हर जन्म तेरी ही कोख से जन्म मैं पाऊं, जीवन भर तेरी सेवा करके अपना संतान धर्म निभाऊं।। “अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस” जो समाज में महिलाओं के महत्वपूर्ण योगदान और उपलब्धियों पर ध्यान आकर्षित करके केन्द्रित करने के लिये विश्व … Read more