फरीदाबाद में स्लोगन लिखे बोर्ड ने बढ़ाया सियासी पारा, लिखा-‘मोदी तेरे से बैर नहीं कृष्णपाल तेरी खैर नहीं’

लोकसभा चुनाव: मोदी तेरे से बैर नहीं कृष्णपाल तेरी खैर नहींस्लोगन लिखे बोर्ड ने बढ़ाया फरीदाबाद का सियासी पारा

फरीदाबाद । कहते हैं चुनावों में नारों का बहुत महत्व होता है। उधर कांग्रेस जहां ‘चौकीदार चोर है’ के नारे से जोरदार प्रचार कर रही है वहीं भाजपा ‘मैं भी चौकीदार’ का स्लोगन लेकर चल रही है। वहीं फरीदाबाद में एक स्लोगन लिखे बोर्ड ने जिले का सियासी पारा बढ़ा दिया। शहर के करीब तीन दर्जन स्थानों पर इस प्रकार के स्लोगन लिखे होर्डिंगों ने तरह-तरह की चर्चाओं को हवा देनी शुरु कर दी है। गौरतलब है कि राजस्थान चुनाव में एक नारे ने जोर पकड़ा था। जिसमें प्रचार हुआ था कि ‘मोदी तेरे से बैर नहीं वसुंधरा तेरी खैर नहीं’। ऐसा ही नारा फरीदाबाद शहर में कृष्णपाल गुर्जर को लेकर चल रहा है।

मंगलवार देर रात शहर के अलग-अलग जगह पर नारे लगे हुए होल्डिंग ने सियासी पारा चढ़ा दिया। रात लगभग 11 बजे सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हुई। जिसमें शहर के यूनीपोल पर इस तरीके का स्लोगन लिखे हुए बोर्ड दिखे। जिस पर मौके पर जाकर देखा तो बडख़ल मोड़ पर एक बोर्ड यूनीपोल पर लगा हुआ था। हालांकि कृष्णपाल गुर्जर के समर्थक मौके पर पहुंच चुके थे और कुछ ही देर में उसको हटा दिया गया। लेकिन यह बोर्ड किसने लगाए इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है।

उल्लेखनीय है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे ही सियासी हलचल बढ़ रही है। अभी कुछ दिन पहले भाजपा द्वारा आयोजित एक सभा में कुछ लोगों ने कृष्ण पाल गुर्जर का विरोध करना शुरू कर दिया था, यह मामला भी राजनैतिक गलियारों में जोरशोर से चर्चित हुआ था। विरोध का आलम यह है कि अभी कुछ दिन पहले सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर मार्केट नंबर 1 मेंं दशहरा बचाओ कमेटी के महंत ने यह घोषणा की थी कि यदि कृष्णपाल गुर्जर को टिकट मिलता है तो वह भाजपा का विरोध करेंगे। कल पूर्व विधायक चंद्र भाटिया के भाई राजेश भाटिया ने भी एक बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि यदि भाजपा कृष्णपाल गुर्जर को टिकट देती है तो उनका विरोध किया जाएगा। यहां देखने वाली बात यह कि भाजपा की तरफ से टिकट की दावेदारी केवल दो लोगों ने की है।

एक पूर्व सांसद के बेटे दयानंद बैंदा ने दूसरी कृष्ण पाल गुर्जर ने लेकिन पल पल बढ़ता विरोध कहीं ना कहीं गुर्जर के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होते ही गुर्जर समर्थक अलग-अलग जगह पर पहुंचना शुरू हो गए। सैनिक कॉलोनी में भी इसी प्रकार का बोर्ड देखा गया, वहां पर गुर्जर के समर्थक पहुंचे और उन्होंने बोर्ड को तुरंत वहां से हटा दिया। लेकिन यह बोर्ड किसने लगाए इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस बारे में भाजपा की ओर से किसी प्रकार की कोई शिकायत फिलहाल अभी नहीं की गई है।

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