
उत्त्तर प्रदेश की योगी सरकार आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ही अपने किए हुए वादों को तेजी के साथ जमीनी हकीकत पर उतारने में लगी हुई है. क्यों कि 2022 में सीएम योगी का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. ऐसे में वो चाहते हैं कि जो भी उन्होंने जनता से वादा किया है वो उसे पूरा करके दिखाएं. इसी बीच योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. जो इस्लामिक कट्टरपंथियों और हिंदुओं की प्रति घृणा रखने वालों के लिए एक तगड़ा जवाब है. जिन्होंने एक हिंदू राजा की जमीन पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को बनाया मगर उनका कहीं भी इसका जिक्र नहीं किया.
दरअसल उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में योगी सरकार एक विश्वविद्यालय बनाने जा रही है, जिसका नाम राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अधिकारियों को विश्वविद्यालय के निर्माण में तेजी लाने का निर्देश दिया है. हालांकि, इस विश्वविद्यालय को बनाने की घोषणा बीजेपी सरकार बनने के एक साल बाद ही कर दी गई थी, लेकिन अब निर्माण में तेजी लाने का आदेश दिया गया है ताकि 2022 से पहले ये विश्वविद्यालय बनकर तैयार हो जाए.
कहा जा रहा है राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए जमीन दी थी, लेकिन उनके नाम का उल्लेख नहीं किया गया था और उनके नाम पर एक भी पत्थर नहीं लगाया गया था. ऐसे में राज्य सरकार ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाब में महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया है. बीजेपी सांसद और विधायकों ने राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर बनने वाले विश्वविद्यालय के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है.
राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर एक विश्वविद्यालय की मांग 2018 में उठी थी, जब हरियाणा के बीजेपी नेताओं ने जाट राजा के नाम पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का नाम बदलने का आह्वान किया था. उस वक्त इस बात का ज़ोर दिया गया था कि महेंद्र प्रताप ने ‘एएमयू के लिए भूमि दान’ की थी. स्थानीय राजनेताओं ने भी इसे लेकर मांग उठाई थी. हालांकि, योगी सरकार ने 2019 में राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर अलीगढ़ में एक नया विश्वविद्यालय स्थापित करने का भरोसा दिलाया था.
यूपी के सूचना निदेशक शिशिर सिंह ने कहा कि सीएम ने 14 सितंबर, 2019 को विश्वविद्यालय के निर्माण की घोषणा की. कोल तहसील के लोढ़ा और मुसईपुर गांवों में विश्वविद्यालय के लिए भूमि प्रस्तावित की गई है. जिला प्रशासन ने 37 हेक्टेयर से अधिक सरकारी भूमि देने का निर्णय किया है. इसके अलावा अन्य 10 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई है.
उन्होंने कहा कि सीएम आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा कि अलीगढ़ को ‘आत्मानिर्भर भारत’ के सपने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. उन्होंने अधिकारियों को स्मार्ट सिटी परियोजना में तेजी लाने के लिए कहा.
भले ही राजा महेंद्र प्रताप सिंह की ओर से ‘एएमयू को जमीन देने के बाद भी उनका पूरे विश्वविद्धलय में कही भी नाम नहीं दिखाया गया हो मगर अब उसी के जवाब में देश के सबसे बड़े सूबे के भगवाधारी मुखिया ने अलीगढ़ में ही राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर विश्वविद्यालय बनाने का फैसला लिया है. जो 2022 से पहले बनकर तैयार हो जाएगा.