तीन बच्चियों की मौत के मामले में बड़ा खुलासा, भूख से नहीं बल्कि…

नयी दिल्ली: पूर्वी दिल्ली में कथित तौर पर भूख के कारण तीन बच्चियों की मौत मामले की प्रारंभिक मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पिता का आचरण संदेह पैदा करता है और इस संबंध में और गहराई से जांच करने की जरूरत है। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि पिता ने उन्हें कुछ ‘अज्ञात दवाई’ दी थी। तीनों बहनें मंगलवार को मृत मिली थीं और उस समय से उनका पिता गायब है।

यह रिपोर्ट आज सरकार को सौंपी गयी

रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे बड़ी बहन के बैंक खाते में 1805 रूपए थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लड़कियां दस्त और उल्टी से पीड़ित थीं जो पेट में किसी प्रकार के संक्रमण के कारण हो सकती हैं। लेकिन उन्हें पर्याप्त ओआरएस घोल और उचित दवाएं नहीं दी गयीं। संभव है कि इस वजह से उनमें निर्जलीकरण हुआ।

इसमें कहा गया है कि पिता मंगल सिंह ने 23 जुलाई की रात अपनी बेटियों को कुछ ‘अज्ञात दवा गर्म पानी में मिलाकर’ दी। वह 24 जुलाई की सुबह से वापस नहीं लौटा है।इसमें कहा गया है कि इस मामले में पिता का आचरण संदेह पैदा करता है और इसमें आगे जांच की आवश्यकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मृत बच्चों की पोषण की स्थिति काफी अच्छी नहीं थी हालांकि उन्हें नियमित रूप से कुछ खाद्य पदार्थ मिल रहा था।

इसमें कहा गया है कि पुलिस उपायुक्त (पूर्व) को मामले में गहराई से जांच करने का निर्देश दिया जा सकता है। तीनों बहनों को 24 जुलाई को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में मृत लाया घोषित कर दिया गया था। प्रारंभिक शव परीक्षा में पता लगा कि उनकी भूख के कारण मौत हुयी। गुरु तेग बहादुर अस्पताल में एक मेडिकल बोर्ड ने पुलिस के अनुरोध पर दूसरी शव परीक्षा की थी। लेकिन उसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आयी है।

पुलिस ने कहा कि उसकी टीमें नोएडा सहित दिल्ली के बाहर की जगहों का दौरा कर रही हैं। लड़कियों का पिता पहले नोएडा में काम करता था। पुलिस को लड़कियों के घर से दवा की कुछ बोतलें मिली थीं। इसी बीच विपक्ष ने मामले को लेकर सत्तारूढ़ आप पर निशाना साधा। जहां कांग्रेस ने कैंडल मार्च निकाला, वहीं भाजपा के विधायक दिल्ली सरकार की ‘नाकामियों’ को दर्शाने के लिए उप राज्यपाल से मिले।

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