उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हालात बदतर होते जा रहे हैं। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर यहां लगातार तीसरे दिन दो गुटों के बीच हिंसा हुई। दंगाइयों ने मंगलवार को मौजपुर, भजनपुरा, ब्रह्मपुरी और गोकलपुरी इलाके में पथराव किया। मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास दो गुटों में झड़प के दौरान गोलियां चलीं। जाफराबाद में भी पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। बाद में करावल नगर रोड स्थित चांदबाग में हालात तब बिगड़ गए, जब उपद्रवियों ने पथराव शुरू कर दिया। करीब 50 मिनट तक यहां पथराव होता रहा और बड़ी तादाद में मौजूद पत्थरबाजों को रोकने के लिए महज 20 पुलिसकर्मी मौजूद थे। बाद में मौके पर पुलिस की टुकड़ी पहुंची। इस बीच, निगम पार्षद ताहिर हसन के दफ्तर में दंगाइयों ने आग लगा दी। उनके दफ्तर पर पेट्रोल बम से हमला किया गया। इसी दफ्तर की चार मंजिला इमारत की छत पर चढ़कर कई लोग पथराव कर रहे थे। पुलिस टीम ने दोनों गुटों से बातचीत की कोशिश की। करीब 10 मिनट के लिए दोनों पक्ष शांत भी हुए और पत्थरबाजी रुक गई, लेकिन बाद में फिर पथराव और आगजनी शुरू हो गई।
Delhi: Two empty bullet shells found by Rapid Action Force (RAF) team from Brahampuri area. More details awaited. #NortheastDelhi https://t.co/3jM0wPUP0x pic.twitter.com/oOLspfKgrT
— ANI (@ANI) February 25, 2020
रतन लाल को गोली लगी थी, मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हुई
जाफराबाद और मौजपुर इलाके में सोमवार को हिंसक झड़पों के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। सोमवार को 5 और मंगलवार को 5 लोगों की मौत हुई। 150 लोग जख्मी हैं। हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की सोमवार को मौत हो गई थी। पहले यह बताया गया था कि सिर पर पत्थर लगने से उनकी मौत हुई है, लेकिन मंगलवार को ऑटोप्सी रिपोर्ट सामने आई। इसमें खुलासा हुआ कि रतन लाल को कंधे पर गोली लगी थी और इसी से उनकी जान गई। वे बुखार होने के बाद भी ड्यूटी कर रहे थे। रतन लाल हेड कॉन्स्टेबल मूलरूप से राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे। मरने वाले बाकी लोगों के नाम शाहिद, मोहम्मद फुरकान, राहुल सोलंकी, नजीम, विनोद हैं, जबकि दो की पहचान नहीं हो पाई। 42 साल के विनोद की उसके बेटे मोनू के सामने पत्थर लगने से मौत हुई, जबकि मोनू भी घायल है।
बुजुर्ग ने भीड़ के सामने हाथ दोनों जोड़े तब घर जा पाया
भजनपुरा और यमुना विहार के लोगों ने इलाके का माहौल बयां किया। एक बुजुर्ग ने न्यूज एजेंसी को बताया, ”मैं गंगाराम अस्पताल से लौट रहा था, वहां मेरा पोता भर्ती है। सोमवार रात को घर पहुंचना बहुत मुश्किल था। रास्ते में मुझे कुछ लोग खड़े मिले। मैंने उनसे दोनों हाथ जोड़कर जाने के लिए कहा।” वहीं, भजनपुरा के स्थानीय लोगों ने कहा कि इलाके में पुलिस केवल मेन रोड पर थी। अंदरुनी गलियों में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। पुलिस की मौजूदगी में उग्र भीड़ बाजार की ओर बढ़ती गई और पुलिस कुछ नहीं कर पाई। करीब 200 उपद्रवियों ने एक घर को घेरकर तोड़फोड़ की, लेकिन पुलिस मदद के लिए नहीं आई।
आरएएफ का फ्लैग मार्च, 5 मेट्रो स्टेशन बंद
उपद्रवियों ने मंगलवार सुबह मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास और ब्रह्मपुरी इलाके में फिर से पत्थरबाजी की, फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। गोकलपुरी में भी फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों समेत कई वाहनों में आग लगा दी। हिंसा में तीन मीडियाकर्मी भी घायल हुए हैं। हिंसा प्रभावित इलाकों में अर्धसैनिक बलों की 35 कंपनियां तैनात की गई हैं। ब्रह्मपुरी इलाके में मंगलवार को पथराव के बाद आरएएफ के जवानों ने फ्लैग मार्च किया। डीएमआरसी ने मंगलवार को भी 5 मेट्रो स्टेशन जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकलपुरी, जौहरी एन्क्लेव और शिव विहार बंद रखे।
दिल्ली पुलिस के पास जवान कम, इसलिए हिंसा भड़कती रही
गृह मंत्रालय में हुई बैठक में दिल्ली पुलिस की ओर से बताया गया कि पर्याप्त पुलिस जवान नहीं होने की वजह से हिंसा भड़कती रही। दिल्ली में अर्द्धसैनिक बलों की 35 कंपनियां आई थीं। इनमें से 20 कंपनियों को पिछले तीन दिन से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सुरक्षा में तैनात किया गया है।
अमित शाह ने बैठक बुलाई, केजरी ने कहा- राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत
दिल्ली में पिछले तीन दिन से जारी हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल और पुलिस के आला अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान दिल्ली में पीस कमेटी को फिर से सक्रिय करने पर फैसला हुआ। केजरीवाल ने बताया कि सभी दलों को राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है। उधर, हिंसक घटनाओं को लेकर एक्टिविस्ट हर्ष मंदार ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर कार्रवाई की मांग की। इस मामले में बुधवार को सुनवाई होगी।
टकराव शनिवार को हुआ, रविवार को पहली बार हिंसा भड़की
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में टकराव की शुरुआत शनिवार शाम को हुई थी, जब जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे की सड़क पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटने लगे। इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि शाहीन बाग की तरह हम यहां से भी नहीं हटने वाले। लेकिन पुलिस वहां से तिरपाल और तख्त उठाकर ले गई थी। पूर्वी दिल्ली के मौजपुर में भी प्रदर्शनकारियों ने एक सड़क बंद कर रखी थी। रविवार को यहां पहली बार हिंसा भड़की। विवाद तब शुरू हुआ, जब भाजपा नेता कपिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और सड़क खुलवाने की मांग काे लेकर सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ने लगे।
गौतम गंभीर ने कहा- कपिल मिश्रा हो या कोई और, कार्रवाई की जाए
पूर्वी दिल्ली से भाजपा गौतम गंभीर पार्टी नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ खुलकर सामने आए गए हैं। उन्होंने मंगलवार को कहा कि ये मायने नहीं रखता कि कोई नेता किस पार्टी से है, अगर वह कपिल मिश्रा या कोई और है, अगर उसने लोगों को भड़काने वाले बयान दिए हैं तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।
ओवैसी ने कहा- दिल्ली में सेना तैनात हो
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय से दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों में सेना को तैनात करने की मांग की।
The situation in North East Delhi is only getting worse. If @PMOIndia wants to restore peace, it is incumbent on you that Army takes over the area. Cops have abdicated their duty & are colluding with mobs. The only way to secure lives & limbs is to hand over the area to the army
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 25, 2020
जावेद अख्तर ने कहा- कपिल मिश्रा जैसे लोग बेलगाम हो गए
the level of violence is being increased in Delhi . All the Kapil Mishras are being unleashed . An atmosphere is being created to convince an average Delhiite that it is all because of the anti CAA protest and in a few days the Delhi Police will go for “ the final solution “
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) February 25, 2020
हिंसा को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने की तैयारी
ट्रम्प की यात्रा के दौरान दिल्ली में भड़की हिंसा से कांग्रेस चिंतित है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी सोमवार रात ही बयान जारी कर लोगों से शांति बनाने की अपील कर चुकी हैं। कानून-व्यवस्था पर चर्चा के लिए आज कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुला सकती है। साथ ही ट्रम्प की विदाई बाद कांग्रेस नेता बुधवार को राजघाट या संसद भवन स्थित गांधी प्रतिमा के सामने सांकेतिक उपवास कर शांति बहाली की अपील कर सकते हैं। दिल्ली के घटनाक्रम को लेकर सोनिया खुद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत सभी वरिष्ठ नेताओं से संपर्क में हैं।