उन्नाव : दवा का नाम बताने में असमर्थ पर बन जाते है डाॅक्टर

उन्नाव(भास्कर)। जिले के सबसे बड़े अस्पताल में अव्यवस्थाओं की जड़े दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। इमरजेंसी में तैनात कर्मी खुद ही डाॅ बन आने वाले मरीजों को दवा दे रफूचक्कर कर देते है। यदि आप सवाल जवाब करते है तो इनके तेवर तल्ख हो जाते है। रात के समय डाॅक्टर अपनी नीद में मस्त रहते है और इमरजेंसी में मौजूद डा. बन लोगों का इलाज किया करते है।

देर रात जिला अस्पताल का नजारा अधिकारियों के सुस्त रवैये का हाल बयां करता है। यहां मौजूद जिम्मेदार सोते रहते है और कर्मी खुद ही डाॅक्टर बन आए हुए मरीजों के साथ खिलवाड़ किया करते है। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में रात को मरीजों का इलाज किस तरह चलता है यह शायद जिम्मेदारों को नही दिखता तभी तो यहां मौजूद संविदा कर्मी समेत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी खुद को डाॅक्टर समझ बेतरतीब तरीके से लोगों का इलाज करते नजर आ ही जाते है। बता दें कि यदि आप देर रात इमरजेंसी में इलाज के लिए जाते है तो यहां मौजूद कर्मी आपको दवा तो देगा लेकिन यदि आपने यह पूंछ लिया कि कौन सी दवा है तो दवा का नाम बताने में जिम्मेंदार असर्मथ ही नजर आएगें साथ ही यदि आपने ज्यादा बोल दिया तो पुलिसियां कार्यवाहीकी धमकी भी आपको मिल सकती है। मरीजों के साथ इस तरह का खिलवाड़ जिम्मेंदारों पर सीधे तौर पर प्रश्नचिन्ह लगाता है और जब मामला जिले के सबसे बड़े अस्पताल का हो तो ऐसे में मरीज और कहां जाए ये भी सोचने वाली बात है।

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