UP Weather Update-अभी लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं, 2 जुलाई को तेज बरसात की उम्मीद

आजमगढ़. अभी लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। अगले पांच दिन तक आसमान में घने काले बादल छाए रहेंगे। धूप छांव के खेल में उमस लोगों को परेशान करेगी तो इस दौरान मध्यम बारिश थोड़ी बहुत राहत भी देगी। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार 2 जून को अच्छी बरसात होने की उम्मीद है।

कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा आजमगढ़ के मौसम वैज्ञानिक तेज प्रताप सिंह ने बताया कि कृषि मौसम सेवा योजना के अंतर्गत प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अगले 5 दिनों में पूर्ण रूप से बादल छाए रहने मध्यम बारिश होने की संभावना है। अधिकतम तापमान 32-36℃ व न्यूनतम तापमान 26-28℃ तथा आर्द्रता 52-93 फीसद के मध्य रहेगी। हवा सामान्य से मध्यम गति के साथ पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर चलने की संभावना है।

उन्होंने बरसात के मौसम में कृषि व आकाशीय बिजली से बचाव के लिए किसानों को सुझाव भी दिये। बताया कि आकाशीय बिजली से या वज्रपात द्वारा होने वाली हानि से बचने के लिये किसान अपने फोन में दामिनी एप को डाउनलोड करें।

फसलों की सुरक्षा के लिए क्या करें-

गन्ना-
डा. तेज प्रताप ने बताया कि इस समय गन्ने में कीट के प्रकोप की संभावना रहती है। अगर गन्ने की पेड़ी पीली दिखाई दे रही है अथवा कीटों द्वारा फसल का रस चूसने एवं पत्तियों को काटकर खाने के लक्षण दिख रहे है तो तत्काल इसका प्रबंधन करें। इसके रोकथाम के लिए समय से गुड़ाई करते रहें एवं चोटी भेदक कीट के नियंत्रण के लिए कारटेप हाइड्रोक्लोराइड 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। गन्ने के जिस पौधे में लाल सड़न रोग का प्रकोप दिखाई दे उस पौधे को उखाड़कर खेत से दूर कही जमीन में दबा दें।

केला-
इस समय केला की रोपाई का उपयुक्त समय चल रहा है अतः रोपाई हेतु तीन माह पुरानी रोगमुक्त एवम स्वस्थ्य पुत्ति का प्रयोग करें।

मुर्गीपालन-
मुर्गियों में कॉक पीडिओसिस रोगों की रोकथाम के लिए उचित उपाय करें, तथा बिछावन को सुखा रहने के लिए नियमित पलटाई करें।

हरी खाद-
जिन किसानों की हरी खाद ढैंचा या सनई लगभग 40 से 45 दिन की हो गयी हो वो किसान भाई अपने खेत मंे धान की रोपाई से पूर्व 2 से 3 दिन खेत में मिट्टी पलटने वाले यंत्र से खेत में पलटकर खेत में छोड़ दें जिससे वो सड़ जाए।

कद्दूवर्गीय सब्जियां-
वर्षाकालीन कद्दूवर्गीय सब्जियों (जैसे- नेनुआ, लौकी, करेली आदि) में कीटों एवं रोगों की निगरानी करते रहें। इनका प्रकोप दिखने पर उचित उपाय करें तथा इनकी लताओं को वर्षा के पानी से सड़ने से बचाने के लिए बेलों पर चढ़ाने के व्यवस्था करें ।

उडद-
उडद में खरपतवार के नियंत्रण के लिए क्वीनालफास इथाइल की 50 ग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से आवश्यक्तानुसार पानी में मिलाकर मौसम साफ होने पर छिड़काव करें।