यूपी में हैवानियत: प्राइवेट हॉस्पिटल के ICU में महिला से गैंगरेप, जब आया होश लुट चुका था सब कुछ

लखनऊ:/बरेली: यूपी में एक बार फिर हैवानियत का नंगा नाच देखने को मिला. लगातार हो रहे महिलाओ पर अत्याचार काम होने का नाम नहीं ले रहा. ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश के बरेली जिले मे   हैरान और शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। 16 वर्षीय नाबालिक लड़की से बुधवार की शाम को एक कंपाउंडर और दो अज्ञात व्यक्तियों ने कथित रूप से गैंगरेप किया. घटना शुक्रवार की शाम को सामने आई. जब पीडिता ने होश में आने के बाद अपनी मां को को पूरी घटना के बारे में बताया. आरोप है कि अस्पताल के ही पांच कर्मचारियों ने पीड़िता के मुंह पर ऑक्सिजन मास्क लगा होने के बावजूद आंख पर पट्टी बांधने के बाद हाथ-पैर भी बांध दिए. इसके बाद बारी-बारी से रेप किया गया.

मिली जानकारी के पीड़िता को किसी जहरीले सांप ने काट दिया था, हालत बिगड़ने पर सोमवार को बदायूं रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, हालत और बिगड़ने पर लड़की को आईसीयू में रखा गया. बुधवार तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद जब हालत कुछ सामान्य हुई तो उसी रात पांच कर्मचारियों ने उसके साथ रेप किया. पीड़िता के मुताबिक उसे पहले नशे का इंजेक्शन दिया गया जिससे वह बेहाश होने लगी, उसके बाद उससे सामूहिक बलात्कार किया गया.

बरेली सर्कल ऑफिस सीमा यादव ने कहा,

‘लड़की के पिता द्वारा दर्ज शिकायत में कहा गया है कि लड़की आईसीयू में बुधवार को बेहोश अवस्था में थी जब कंपाउंडर और उसके दो सहयोगियों ने उससे बलात्कार किया था. उसने शुक्रवार को घटना के बारे अपनी मां को बताया.

शिकायत के आधार पर

अस्पताल के कंपाउंडर सुनील कुमार और दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 D (गैंगरेप) और  POCSO अधिनियम के प्रासंगिक खंडों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने कहा कि लड़की को बेहोश की हालत में फिर से आईसीयू में ट्रांसफर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जब वह होश में आती है तो उसका मेडिकल टेस्ट किया जाएगा।

यादव ने कहा, ‘हमने मामले में जांच शुरू की है। जब मैंने मेडिकल रिकॉर्ड्स की जांच की, तो मैंने पाया कि लड़की सहित आठ मरीज आईसीयू में मौजूद थे, जब घटना हुई। हम सीसीटीवी फुटेज और अन्य संबंधित सबूत इकट्ठा कर रहे हैं।’

TOI से बात करते हुए लड़की के पिता ने कहा,

‘आईसीयू में भर्ती होने के बाद हमें किसी ने भी हमारी बेटी से मिलने की इजाजत नहीं दी। सामान्य वार्ड में ट्रांसफर होने के बाद उसने अपनी मां को इस बारे में बताया। अगर पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं करती है, तो हम सहायता के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क करेंगे।’

इस बीच, अस्पताल के निदेशक ने कहा, ‘यह एक झूठी शिकायत है। सुनील कुमार तीन साल से हमारे साथ काम कर रहा है। मैंने सभी मेडिकल रिकॉर्ड्स की जांच की है और पुलिस को सीसीटीवी फुटेज प्रदान किए हैं।’

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