नाजी सैनिक के सम्मान पर आखिर ऐसा क्या हुआ जो PM जस्टिन ट्रूडो को मांगनी पड़ी माफी

ओटावा । कनाडा की संसद में पूर्व नाजी सैनिक यारोसलाव हुंका का सम्मान किए जाने पर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने माफी मांगी है। उन्होंने कहा है कि ये सिर्फ संसद नहीं पूरे देश के लिए शर्मिंदगी की बात है। घटना काफी निराश करने वाली है। ट्रू़डो ने कहा- स्पीकर ने अपनी गलती मान ली है और उन्होंने माफी भी मांगी है।

हालांकि, कनाडा की विपक्षी पार्टी स्पीकर के इस्तीफे की मांग पर अड़ी है। दरअसल, कनाडा के PM ऑफिस ने जानकारी दी है कि उन्हें इस बात की भनक तक नहीं थी कि संसद में नाजी सैनिक को किसके कहने पर बुलाया गया। बाद में जांच में सामने आया है कि हुंका को स्पीकर एंथनी रोटा ने बुलाया था।

CBC की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा की संसद ने नाजी सैनिक को 2 बार स्टैंडिंग ओवेशन दिया था। इस दौरान संसद में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी मौजूद थे। जो खुद के यहूदी होने के दावा करते हैं। वो जंग शुरू होने के बाद पहली बार कनाडा के दौरे पर आए थे। विपक्षी पार्टी ने कहा है कि इस मामले में स्पीकर का माफी मांग लेना काफी नहीं है।

ट्रूडो ने कहा रूस इसका फायदा उठाएगा

यूक्रेन से जंग की शुरुआत से लेकर रूस दावा करता आ रहा है कि वो नाजियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। ट्रूडो ने कहा है कि रूस अब कनाडा की घटना का फायदा उठाएगा। हमें रूसी प्रोपोगैंडा को रोकने की जरूरत है। वहीं, कनाडा की कंजरवेटिव पार्टी के लीडर पीयरे पोलिवर ने सारा दोष जस्टिन ट्रूडो पर डाला है।

ट्रूडो दोष डालने के लिए हमेशा किसी और को ढूंढ़ लेते

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को स्पीकर की तरफ से इनवाइट किए गए लोगों की लिस्ट को चेक करना चाहिए था। उन्होंने ट्रूडो के प्रश्नकाल के दौरान संसद में मौजूद नहीं रहने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा- कनाडा के लोग ऐसे प्रधानमंत्री से थक गए हैं जो किसी बात की जिम्मेदारी अपने सिर पर नहीं लेता है। इससे हम लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी के पात्र बनते जा रहे हैं। ट्रूडो दोष डालने के लिए हमेशा किसी और को ढूंढ़ लेते हैं।

स्पीकर ने माफी मांगी पर इस्तीफे के बारे में कुछ नहीं बोले

कनाडा की संसद के स्पीकर ने सारा दोष खुद पर लेकर माफी तो मांग ली। हालांकि, इस बारे में कुछ नहीं कहा कि वो इस्तीफा देंगे या नहीं। स्पीकर ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि सैनिक यारोसलाव हुंका सेकेंड वर्ल्ड वॉर में हिटलर की तरफ से लड़े थे। वहीं, कनाडा की संसद की नेता कैरिना गूल्ड एक यहूदी समुदाय हैं। हिटलर के नाजी सैनिकों ने सेकेंड वर्ल्ड वॉर के समय लाखों यहूदियों को मौत के घाट उतारा था।

संसद में नाजी सैनिक को बुलाकर और उसका सम्मान किए जाने पर कैरिना गूल्ड ने कहा- मैं इस घटना से बुरी तरह हताश हो चुकी हूं। उन्होंने स्पीकर रोटा से कहा- मेरे परिवार के ज्यादातर लोगों को हिटलर के नाजी सैनिकों ने गैस चेंबर में मारा, सिर्फ मेरे दादा और उनके भाई ही बच पाए। हमने आप पर भरोसा किया, ये घटना सिर्फ कनाडा ही नहीं बल्कि यूक्रेन के राष्ट्रपति को भी शर्मिंदगी में डाल देने वाली थी।

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