
दुनियाभर में कोरोना ने कोहराम मचा रखा है, अब तक डेढ करोड़ से भी ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं, जबकि 6 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, भारत में भी संक्रमितों की संख्या तेजी से बढती जा रही है, लेकिन अब देश की राजधानी यानी दिल्ली की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है, यहां लोग जल्द ठीक हो रहे हैं, साथ ही संक्रमितों की संख्या भी घटती जा रही है, ऐसे में अब लोग ये जानने को उत्सुक हैं, कि आखिर सरकार ने ऐसा क्या किया, कि कोरोना के मामलों में तेजी से गिरावट आई है, जबकि कुछ दिन पहले इसे देश का सबसे बड़ा कोरोना हॉटस्पॉट कहा जा रहा था, इसे दिल्ली मॉडल का नाम दिया गया है, आइये आपको बताते हैं कि आखिर क्या है दिल्ली मॉडल, जिसकी चर्चा देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हो रही है।
पूरी दुनिया में चर्चा
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि आज दिल्ली मॉडल की चर्चा दुनिय़ाभर में हो रही है, जहां हर तरफ मामले बढ रहे हैं, वहीं दिल्ली में कम हो रहे हैं, उन्होने कहा कि दिल्ली में रिकवरी रेट 88 फीसदी पहुंच चुका है, इसे सीधे शब्दों में कहें तो 100 में से 88 लोग ठीक हो चुके हैं, अब सिर्फ कुछ फीसदी ही संक्रमित लोग बचे हैं, जिनका इलाज जारी है, उन्होने कहा कि अस्पतालों में तो 15500 बेड का इंतजाम है, लेकिन 2800 पर ही मरीज है।
दिल्ली मॉडल की बुनियाद
केजरीवाल ने दिल्ली मॉडल के बारे में बताते हुए कहा कि कलेक्टिविटी और टीम वर्क ही दिल्ली मॉडल की बुनियाद है, पहले हमने एक बैठक की, और पूरा प्लान बनाया कि कैसे क्या करना है, चूंकि हमारे पास टेस्टिंग की उतनी व्यवस्था नहीं था, इसलिये हमने केन्द्र सरकार से मदद ली, आज के समय में कम से कम 22 हजार टेस्ट रोजाना हो रहे हैं, साथ ही हमने होम आइसोलेशन की शुरुआत की, जिसमें डॉक्टर मरीज को समझाते हैं कि उन्हें क्या करना है, इस सुविधा की वजह से टेस्टिंग का आंकड़ा भी बढा है।