वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप: सेमीफाइनल में हारी मैरी कॉम, रेफरी के फैसले के खिलाफ….

छह बार की विश्व चैंपियन मैरी कॉम शनिवार को महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गईं। इस हार का साथ ही उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

मैरी कॉम को 51 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में यूरोपियन चैम्पियन तुर्की की बुसेनाज काकिरोग्लो ने 4-1 से शिकस्त दी। 48 किलोग्राम भारवर्ग में उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में छह स्वर्ण पदक जीतने वाली 36 वर्षीय मैरी कॉम ने क्वार्टर फाइनल में कोलंबिया की इंगोट वालेंसिया को 5-0 से मात देकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।

हालांकि स्वर्ण पदक से चूकने के बावजूद मैरी कॉम ने इतिहास रच दिया है। उनका विश्व चैम्पियनशिप के 51 किलोग्राम भारवर्ग में यह पहला पदक है। इससे पहले उन्होंने 51 किलोग्राम भारवर्ग में ओलम्पिक में कांस्य और एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता था, लेकिन विश्व चैम्पिनशिप में उनके नाम कोई पदक नहीं था। और कांस्य पदक जीते थे। हैं लेकिन में पदक उनके नाम नहीं था।

मैरीकॉम का मुक्केबाजी चैंपियनशिप में यह 8वां पदक है। लेकिन मैरीकॉम की हार को लेकर रेफरी के फैसले को भी जिम्मेवार ठहराया जा रहा है। रेफरी के फैसले के खिलाफ एनडीआईए की अपील जिसमें कहा गया कि तुर्की की बुसेनाज काकीरोग्लू ने मैरी कॉम को हरा दिया है।

पुरुष और महिला दोनों विश्व चैम्पियनशिप की बात करें, तो मेरीकॉम के पास सबसे ज्यादा 8 पदक हैं। यानी महिला या पुरुषों दोनों वर्गों ने सबसे ज्यादा विश्व चैम्पियनशिप पदक मेरीकॉम के नाम हैं। उन्होंने पुरुष मुक्केबाज क्यूबा के फेलिक्स सेवॉन (1986-1999) को पीछे छोड़ा, जिनके नाम विश्व चैम्पियनशिप में 7 पदक थे।

विश्व चैम्पियनशिप: सर्वाधिक पदक

1. मेरीकॉम (महिला) – 8 पदक (6 गोल्ड+1 सिल्वर +1 ब्रॉन्ज)

2. फेलिक्स सेवॉन (पुरुष), 7 पदक (6 गोल्ड+ 1 सिल्वर)

3. केटी टेलर (महिला) 6 पदक (5 गोल्ड+ 1 ब्रॉन्ज)

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