चीनी सैनिकों की ठंड में हुई हालत खराब, चौबीस घंटे भी नहीं झेल पा रहे ठंड

चीन अपनी बार्बी डॉल वाली सेना के साथ युद्ध करने की बात करता है और वहां की मीडिया अपने सैनिकों को ऐसे दिखाती है जैसे वो कितने बड़े बाहुबली है. अरे भइया साउथ की मूवी थोड़े ही है, जो ग्राफिक्स दिखाकर हीरो को शक्तिशाली बना दो. फ़िल्मी दुनिया में जीने वाली ये सेना शायद ये भूल जाती है की वो शेरों से पंगे ले रही हैं. उन शेरों से जो बचपन से ही भारतीय सेना की तैयारी में लग जाते हैं. और अपने शरीर को पत्थर बना लेते हैं. उनके दिल किसी फौलाद से काम नहीं होता. और सेना किसी चट्ठान की तरह हो जाता है जो बड़े बड़े से तूफ़ान को भी से रोक दे. वो सुनामी को भी आँख दिखादे तो उसका भी रौद्र रूप शीतल हो जाए. अब भारतीय सेना की बात ही कुछ और है. हमारे सैनिकों की बहुत सी कहानियां है जो भारतीय सेना के शौर्य को बताती है.

इन शेरो से लड़ने के लिए पालतू जानवर आये तो क्या होगा, खुद ही सोचिए अब इन सैनिकों के पास अगर लाली लिपस्टिक लगाए सैनिक युद्ध लड़ने आए तो क्या होगा. ज़ाहिर है हँसते हँसते पेट पकड़ लेंगे. आप बार्बी डॉल वाली सेना से और उम्मीद भी क्या कर सकते हैं. वैसे एक कहावत है चींटियां कितनी भी इकठ्ठा हो जाए वो एक गन्ना नहीं उठा सकती, और ठीक वैसी ही चीनी सेना जो दावे तो बड़े बड़े करती है. पर असलियत में फुस्सी बम है. और उनके सैनिक भी वहाँ के सामान की तरह है

जी हाँ जिन सर्दियों में हमारे सैनिक कबड्डी खेलते है, और बर्फ के गोले को पानी की तरह फेंकते हैं. उस ठण्ड में चीनी सेना की हवा निकल गई. अब चीन ने कहा कि हम अपने सैनिकों को गर्म कपडे देंगे पता चला की वो तो खत्म हो चुका है. ठण्ड से बचने के लिए लिप बाम तो ऐसे दे दिया जैसे सुरक्षा कवच हो. इसके बाद कहा गर्म पानी का स्विमिंग पूल देंगे, गेम खिलाएंगे, अरे जिनपिंग तुमने युद्ध करने के लिए भेजा है या फिर पिकनिक मनाने के लिए. चीन अपने सैनिकों को लालच तो ऐसे देता है. जैसे छोटे बच्चे को लॉलीपॉप दिया जा रहा है.

और इस लॉलीपॉप के चक्कर में चीनी सैनिकों की लगी पड़ी है. दरअसल पूर्वी लद्दाख सेक्टर में कड़ाके की ठण्ड है. और उनके सैनिकों की हालत ये है की हर चौबीस घंटे में वो सैनिक बदल रहे हैं, जबकि हमारे भारतीय सैनिक उन्हीं इलाकों में लम्बे समय तक टिके रहते हैं. अब वो भारतीय सेना से लड़ने से पहले मौसम से लड़ेगी, और अभी तो दिसंबर का महीना बाकी है

एक सरकारी सूत्र ने एजेंसी को बताया कि , ”लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के अग्रिम पोस्ट पर तैनात हमारे सैनिक चीनी सैनिकों के मुकाबले लंबे समय तक मोर्चा संभाल रहे हैं. कठोर सर्दी और इतने कम तापमान से अधिक वास्ता नहीं पड़ने की वजह से चीनी सैनिकों को हर दिन बदलना पड़ रहा है.”

सूत्रों ने कहा, भारतीय पक्ष को इस तरह के मौसम और हालात में चीन पर बढ़त हासिल है, क्योंकि इनमें से अधिकतर लद्दाख सेक्टर, सियाचिन ग्लेशियर या अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में पहले भी ड्यूटी कर चुके हैं. सूत्रों ने यह भी बताया कि चीन रणनीतिक ऊंचाइयों वाले इलाकों में चीन ने अपने सैनिकों को भारतीय पोजिशन के नजदीक तैनात किया है वहां सर्दी का असर साफ देखा जा सकता है. भारतीय सैनिक यहां लंबे समय तक टिक रहे हैं, जबकि चीनी सैनिक 24 घंटे से अधिक यह ठंड बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं

बता दें चीन ने सीमा के पास साठ हज़ार से ज्यादा सैनिकों को तैनात कर रखा है. वो भी बड़ी मात्रा में टैंको और हथियारों के साथ. हालत ये है की तनाव बहुत ज्यादा है. और चीन की इस कारस्तानी का जवाब देने के लिए भारत ने भी पूरी तैयारी कर रखी है. एक सच ये भी है की चीन की ये बार्बी डॉल वाली सेना लगातार परेशानियां ही झेल रही है, इससे पहले भी कुछ तस्वीरें सामने आई थी जब चीनी सैनिकों की हालत खराब थी. वो उनकी तबियत ठण्ड में खराब हो रही है. कुछ तस्वीरों में ये भी दावा किया गया था. की कुछ सैनिकों की मौत भी हुई है. लेकिन चीन ऐसा बेशर्म देश है जो अपने सैनिकों के मौत के आंकड़े भी छुपा कर बैठा है.

ठण्ड इनकी सेना झेल नहीं पा रही, और ये मुकाबला करने चले हैं भारतीय सेना से. बता दें दोनों देशों के बीच सैन्य कमांडर अभी तक 8 बार बातचीत कर चुके है. लेकिन चीन मानने को तैयार ही नहीं. और जल्द ही नौंवी बार बातचीत हो सकती है. लेकिन अपनी चालबाजियों में लगा हुआ है. इस वजह से सीमा पर तनाव के हालत है.

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