काशी महाकाल एक्सप्रेस में 1 सीट भगवान शिव के लिए रिजर्व, IRCTC ने बताई पूरी बात

नई दिल्ली.  उत्तर प्रदेश के काशी और मध्य प्रदेश के उज्जैन, ओंकारेश्वर ज्याेतिर्लिंग तीर्थस्थलाें काे जाेड़ने वाली आईआरसीटीसी की निजी ट्रेन काशी-महाकाल एक्सप्रेस में भगवान शिव के लिए एक सीट आरक्षित रखी गई है। उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया कि ट्रेन के काेच बी5 में सीट नंबर 64 काे भगवान भाेले बाबा के लिए आरक्षित रखा गया है। लाेगाें काे इसकी जानकारी रहे, इसके लिए सीट पर मंदिर बनाया गया है।

ऐसा पहली बार है, जब किसी भगवान के लिए सीट आरक्षित की गई है। ट्रेन में भक्ति संगीत, हर कोच में दो निजी गार्ड और केवल शाकाहारी भोजन मिलेगा। इस ट्रेन काे प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने रविवार काे वाराणसी में वीडियाे लिंक के जरिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। यह ट्रेन 20 फरवरी से शुरू होगी।

सीट उज्जैन के महाकाल के लिए आरक्षित

  • ट्रेन में 9 एसी थ्री कोच, पैंट्री कार, दो ब्रेकवॉन कोच होंगे। यह देश की तीसरी निजी ट्रेन होगी, लेकिन इसमें क्रू मेंबर लड़कियां नही होगीं। हर बोगी में कॉफी और चाय की वेंडिंग मशीन होगी, जिसके लिए पैसे नहीं चुकाने होंगे।
  • इस ट्रेन के हर कोच में 5 सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे, कुल 1080 सीटें होंगी। न्यूनतम किराया 1629 रु. होगा। ट्रेन हफ्ते में दो दिन मंगलवार और गुरुवार को वाराणसी से चलेगी।
  • यह लखनऊ, कानपुर, बीना, भाेपाल, उज्जैन होते हुए इंदौर तक पहुंचेगी। इंदौर से बुधवार और शुक्रवार को उज्जैन, संत हिरदाराम नगर (भोपाल), बीना, कानपुर और लखनऊ होकर वाराणसी जाएगी। वाराणसी-इंदौर वाया इलाहाबाद-कानपुर-बीना (82403) ट्रेन रविवार को चलेगी। सोमवार को इंदौर पहुंचेगी।
  • आईआरसीटीसी ने इसके लिए बुकिंग शुरू कर दी है। ट्रेन में डायनाॅमिक फेयर रहेगा। यानी 70 फीसदी सीटें पैक होने के बाद प्रति सीट का किराया 10 फीसदी बढ़ेगा। 90% से ज्यादा सीटें पैक होने के बाद किराया 20% बढ़ेगा। हर यात्री का 10 लाख रुपए तक का बीमा भी रहेगा।

कोच B-5 में सीट संख्या 64 बनी मंदिर!
इससे पहले खबर आई थी कि ट्रेन में भगवान शिव के लिए सीट आरक्षित करने ने नए विचार के बाद रेलवे प्रशासन इस पर विचार कर रहा है कि ट्रेन में स्थायी तौर पर भोले बाबा के लिए एक सीट आरक्षित की जाए। उत्तरी रेलवे के लिए प्रवक्ता दीपक कुमार ने PTI को बताया कि कोच संख्या बी5 की सीट संख्या 64 भगवान के लिए खाली की गई है। ऐसा पहली बार हुआ है जब एक सीट भगवान शिव के लिए आरक्षित और खाली रखी गई है। सीट पर एक मंदिर भी बनाया गया है ताकि लोग इस बात से अवगत हों कि यह सीट मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल के लिए है। उन्होंने कहा कि ऐसा स्थायी तौर पर करने के लिए विचार किया जा रहा है।

वाराणसी से इंदौर के बीच सप्ताह में तीन बार चलने वाली इस ट्रेन में भक्ति भाव वाली हल्की ध्वनी से संगीत बजेगा और प्रत्येक कोच में दो निजी गार्ड होंगे और यात्रियों को शाकाहारी खाना परोसा जाएगा।

ट्रेन में भगवान शिव के लिए सीट आरक्षित करने को लेकर विवाद भी हो गया था। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे लेकर पीएमओ को संविधान की प्रस्तावना ट्वीट कर दिया।

इस तरह चलेगी ट्रेन
यह ट्रेन वाराणसी और इंदौर के बीच सप्ताह में दो दिन लखनऊ और कानपुर होकर जाएगी, जबकि एक दिन इलाहाबाद और कानपुर होकर जाएगी। ट्रेन संख्या 82401 वाराणसी से दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर रवाना होगी। प्रत्येक मंगलवार और गुरुवार को यह ट्रेन (82401) सुल्तानपुर, लखनऊ, कानपुर होते हुए इंदौर पहुंचेगी। वहीं 23 फरवरी, 2020 से ट्रेन संख्या 82403 प्रत्येक रविवार को वाराणसी से दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर रवाना होगी और जंघई, इलाहाबाद, कानपुर होते हुए इंदौर पहुंचेगी।

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