नरेन्द्र मोदी मई 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने थे, तब से अब तक 6 सालों में उन्होने कई बड़े फैसले लिये, जिसकी वजह से भारत दुनिया में पहली पंक्ति पर खड़ा दिखा, पीएम ने पिछले 6 सालों में कई योजनाओं को अमलीजामा पहनाया, आइये आज पीएम मोदी के जन्मदिन के खास अवसर पर हम आपको उनके 5 बड़े फैसलों के बारे में बताते हैं।
कश्मीर के लिये ऑर्टिकल 370 में संशोधन
ऑर्टिकल 370 से आजादी पीएम मोदी के एजेंडे में सबसे ऊपर रहा था, 2014 में जब पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, तो उनकी प्राथमिकता में ये काम था, लेकिन पूरा नहीं हो पाया, मई 2019 में जब और ज्यादा मजबूती के साथ सरकार लौटी. तो मोदी ने कुछ महीने बाद ही कश्मीर से ऑर्टिकल 370 हटाने का ऐलान कर दिया, मोदी का ये फैसला सबसे ऐतिहासिक माना जाता है, इस फैसले के साथ ही कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा भी खत्म हो गया, इतना ही नहीं ये मोदी सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति ही थी, कि उसने जम्मू-कश्मीर को दो केन्द्रशासित प्रदेश में बांट दिया।
नागरिकता संशोधन कानून तथा एनआरसी
दूसरे कार्यकाल के पहले 7 महीने में ही मोदी सरकार ने फिर से बड़ा फैसला लेकर सबको चौंका दिया, ये फैसला था सीएए को पास करवाने का, नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाक, बांग्लादेश तथा अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता का अधिकार मिल गया, यानी इन देशों के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी तथा ईसाई जो सालों से शरणार्थी की जिंदगी जीने को विवश थे, उन्हें भारत की नागरिकता हासिल करने का अधिकार मिल गया।
भव्य राम मंदिर
देश के सबसे बड़े कानूनी विवाद यानी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का हल मोदी सरकार के कार्यकाल में हो गया, सालों से कोर्ट कचहरी के कार्रवाई में उलझे भगवान राम को सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला, 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया, अयोध्या में भव्य मंदिर के लिये पीएम मोदी ने 5 अगस्त को भूमि पूजन किया।
तीन तलाक का खेल खत्म
पीएम मोदी ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की काली प्रथा से आजादी दिलाई, उनके नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने तीन तलाक कानून को संसद से पास करके मुस्लिम महिलाओं को बड़ी सौगात दी, कहा जाता है कि इस कानून को पास कराने के लिये पीएम मोदी ने हरसंभव कोशिश की, देश में ऐसा माहौल बनाया कि कानून को पास कराने में कोई परेशानी ना हो।
गरीब सवर्णों के लिये 10 फीसदी आरक्षण
देश की आरक्षण व्यवस्था में छेड़छाड़ करना किसी के लिये भी आसान काम नहीं होता है, इतिहास गवाह है कि जब-जब किसी ने आरक्षण से छेड़छाड़ की कोशिश की, तो उसकी कुर्सी डगमगा गई है, बावजूद इसके पीएम मोदी ने गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की ठानी, केन्द्र सरकार ने इसे कानूनी अमलीजामा पहनाया, लोकसभा तथा राज्यसभा से गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण का कानूनी अधिकार दिलाया, अब नौकरियों से लेकर शिक्षण संस्थानों में एडमिशन तक के लिये गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलना शुरु हो गया है।