ड्रैगन के डिटेंशन कैंप में कैद हैं 80 लाख मुसलमान, खुफिया दस्तावेजों से हुआ बड़ा खुलासा

चीन एक तानाशाह देश है. हर उठने वाली आवाज का दमन कर दिया जाता है. चीन के अंदर क्या चल रहा, इसका पता दुनिया को नहीं होता है. केवल वही बात बाहर जा पाती है जो किसी तरह से लीक होती है. चीनी मीडिया पर जिनपिंग सरकार का नियंत्रण है और दुसरे देशों के मीडिया को सीमित करवेज करने की अनुमति है. ऐसे में देश के अंदर ड्रैगन की तानाशाही की तूती बोलती है. चीन में उइगुर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार से पूरी दुनिया वाकिफ है. लेकिन इस्लाम के नाम पर हो हल्ला मचाने वाले मुस्लिम देश चीन का खुलकर विरोध नहीं करते हैं. चीन का पालतू पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर भारत के खिलाफ आतंकी मुहिम चला रहा है लेकिन चीन में मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार को लेकर अनजान बना हुआ है. इसके अलावा दुनियाभर के मुसलमानों के मसीहा तुर्की के मुंह से उइगुरों को लेकर आज तक एक शब्द नहीं निकला है. उइगुरों को लेकर अब जो खुलासा हुआ है वो बेहद अमानवीय है.

खुलासा है कि चीन ने अपने डिटेंशन कैंप्स में शिनजियांग प्रांत के 80 लाख उइगुर मुसलमानों को कैद कर रखा है. पेइचिंग के एक खुफिया दस्तावेज में बताया गया है कि लगभग 8 मिलियन (80 लाख) मुसलमानों को अलग-अलग डिटेंशन कैंप्स में रखा गया है.

द सन की रिपोर्ट के अनुसार, शिनजियांग में उइगुर और अन्य समुदायों के लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी बड़े पैमाने पर डिटेंशन सेंटर को चला रही है. इन कैंप्स में चीन राजनीतिक असंतोष को दबाने का काम करता है. इसके अलावा उइगुर मुसलमानों को प्रताड़ित करने का काम भी किया जा रहा है. चीनी सरकार इसे व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र का नाम दे रही है.

कैद से भागे लोगों ने बयां की दास्तां
शिनजियांग की 29 साल की महिला मिहरिगुल तुर्सुन ने अमेरिकी राजनेताओं को बताया कि वह 2018 में चीन के इस कैंप से भाग निकली थीं. उन्होंने राजनेताओं से बातचीत में कहा कि इस कैंप में चीनी अधिकारी इतनी यातनाएं देते थे कि मन करता था कि इसके बजाए मैं मर जाऊं या उनसे अपनी मौत की भीख मांगू.

एक और सर्वाइवर कायरात समरकंद ने कहा कि उन्हें प्रताड़ित करने के लिए धातु का बना बख्तरबंद पहनाया जाता था। वे मुझ पर उसे पहनने के लिए दबाव डालते थे। चीनी सैनिक उसे मेटल सूट कहते थे। 50 किलो के इस सूट को पहनने के बाद मेरे हाथ और पैर काम करना बंद कर देते थे। मेरे पीठ में भी भयंकर दर्द होता था।

उइगुर मामले पर अमेरिका ने उठाया सख्त कदम
अमेरिका ने 9 जुलाई को उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन के मामले में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया था. अमेरिका ने पहले ही चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी. कहा जा रहा है कि अमेरिका आगे भी कई अन्य चीनी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना रहा है.

कौन हैं उइगुर मुस्लिम
उइगुर मध्य एशिया में रहने वाले तुर्क समुदाय के लोग हैं जिनकी भाषा उइगुर भी तुर्क भाषा से काफी मिलती-जुलती है. उइगुर तारिम, जंगार और तरपान बेसिन के हिस्से में आबाद हैं. उइगुर खुद इन सभी इलाकों को उर्गिस्तान, पूर्वी तुर्किस्तान और कभी-कभी चीनी तुर्किस्तान के नाम से पुकारते हैं. इस इलाके की सीमा मंगोलिया, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत के साथ-साथ चीन के गांसू एवं चिंघाई प्रांत एवं तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से मिलती है. चीन में इसे शिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र (एक्सयुएआर) के नाम से जाना जाता है और यह इलाका चीन के क्षेत्रफल का करीब छठा हिस्सा है.

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें