चाइनीज ऐप पर प्रतिबंध के बाद अब चीन की 5जी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला ले सकती है मोदी सरकार

नई दिल्ली: चीन के करीब 5 दर्जन एप पर बैन लगाने के बाद सरकार चीन के टेलीकॉम उपकरणों के इस्तेमाल पर भी रोक लगाने के बारे में सोच रही है. सरकार चीन की कंपनियों की 5जी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं करने के बारे में फैसला ले सकती है. इस संबंध में सोमवार को शीर्ष मंत्रियों की बैठक में चर्चा हुई.

सरकार देश में 5 जी तकनीक के लिए हुवावेई (Huawei) जैसी चीनी कंपनी के उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करना चाहती है. सोमवार को सरकार ने चीन के 59 मोबाइल एप पर बैन लगा दिया है. इन ऐप्स पर करोड़ों उपभोक्ताओं की जासूसी करने और उनके डेटा चीन भेजने का आरोप है.

सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया है कि इस दौरान हुवावेई और कई अन्य चीनी कंपनियों के 5जी तकनीक में हिस्सेदारी लेने को लेकर बात हुई. फिलहाल कोरोना संकट के चलते 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को सरकार ने कम से कम एक साल के लिए टाल दिया है. इसकी एक वजह यह भी है कि कई दूरसंचार कंपनियों की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है. उनके लिए नीलामी में हिस्सा लेना मुश्किल है. इनमें प्रमुख प्लेयर वोडाफोन आइडिया है, जो इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही है.

पिछले ही दिनों दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल को सलाह दी है कि वह 4जी तकनीक के लिए उपकरणों की खरीद चीनी कंपनियों से न करे. हालांकि बीएसएनएल की राय है कि यदि चीनी कंपनियों को बोली से दूर रखा जाता है तो फिर उसके लिए लागत बढ़ जाएगी.

बता दें कि चीन की कंपनी हुवावेई को अमेरिका ने पहले ही एक साल के लिए बैन कर रखा है. यही नहीं अमेरिका की ओर से ब्रिटेन और भारत जैसे देशों को भी हुवावेई पर बैन के लिए सहमत करने का प्रयास किया जा रहा है. कंपनी के संस्थापक के चीन की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी से ताल्लुक के चलते इस पर हमेशा संदेह रहा है.

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