इटावा. दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, अलीगढ़ व लखनऊ में धारा 144 प्रभावी होने के बावजूद नागरिकता संशोधन के विरोध में प्रदर्शन जारी है। मंगलवार को इटावा में भी तमाम महिलाएं बच्चों के साथ पचराह में सड़क पर आ गईं। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने सड़क पर बैठी महिलाओं को उठाने का प्रयास किया तो धक्का मुक्की हुई। जिसके बाद पुलिस ने महिलाओं के साथ मौजूद लोगों पर लाठीचार्ज का मौके से खदेड़ा है। इलाके में फोर्स तैनात है।
It seems, these are the brave jawans of #UPPolice under the able guidance of Maryada Purshottam @myogiadityanath , lathi charging women at #CAA_NRC_Protests in #Etawah . #CAA_NPR_NRC pic.twitter.com/aFWqzfwz4a
— thakursahab (@65thakursahab) January 22, 2020
इटावा शहर में पचराह मुस्लिम बाहुल्य है। मंगलवार की दोपहर से सैकड़ों की संख्या में महिलाएं सीएए व एनआरसी के विरोध में सड़क पर बैठ गई थीं। प्रशासन ने धारा 144 का हवाला देते हुए भीड़ को हट जाने के लिए कहा। लेकिन महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ डटी रहीं। महिलाओं का कहना था कि जब सरकार के मंत्री इस कानून के पक्ष में भीड़ एकत्रित कर जुलूस निकाल कर धारा 144 का उलंघन कर सकते हैं तो हम शांतिपूर्ण तरीके से इसका विरोध तो कर सकते हैं।
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शाम होते ही महिलाओं के आस-पास पुरुषों की भीड़ जमा होने लगी और प्रदर्शनकारियों की संख्या हजारों में पहुंच गई। सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम ने महिलाओं को समझाने की कोशिश की। लेकिन महिलाएं प्रदर्शन में डटी रहीं। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए बल प्रयोग किया। जिससे पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का मुक्की शुरू हो गई। पुलिस ने महिलाओं को जबरन उठाया और भीड़ के उग्र होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। जिससे भगदड़ मच गई। वहीं, प्रदर्शनकारी महिलाओं का आरोप है कि, पुलिस ने उन्हें जबरन उठाया और गालियां दी। पीटा गया, लोगों के साथ बदसलूकी की गई। बुजुर्गों व बच्चों को पुलिस ने पीटा, दुकानदारों में तोड़फोड़ की गई।