अलगाववादियों ने 5 अगस्‍त को दी ब्‍लैक डे मनाने की धमकी, प्रशासन ने श्रीनगर में कर्फ्यू लगाने का दिया आदेश

श्रीनगर
जम्‍मू कश्‍मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने की बरसी पर अलगावादियों ने ब्‍लैक डे मनाने की धमकी दी थी। इसके मद्देनजर प्रशासन ने 4 और 5 अगस्‍त को श्रीनगर में कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है। हर तरफ कड़ी सुरक्षा कर दी गई है ताकि कहीं पर कोई माहौल खराब ना खराब कर सके। कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा श्रीनगर के हर पुलिस थाना इलाके में एक मैजिस्‍ट्रेट तैनात किया जाएगा, जो पूरे हालात पर नजर रखेगा। 5 अगस्‍त को अयोध्‍या में राम मंदिर भूमि पूजन समारोह भी होने जा रहा है। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। इसके मद्देनजर आतंकी हमले का अलर्ट भी जारी किया जा चुका है। आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख दो केंद्रशासति राज्‍य बनाए गए थे।

बता दें कि पिछले साल पांच अगस्त को ही जम्‍मू-कश्‍मीर से आर्टिकल 370 हटाया गया था, जिसके बाद माहौल खराब होने का डर था। ऐसे में कई अलगावादी नेताओं को घरों में नजरबंद कर दिया गया था। कईयों को बाद में छोड़ भी दिया गया। अब कुछ दिन पहले पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के खिलाफ भी कार्रवाई की गई क्योंकि एजेंसियों के माध्यम से ऐसे इनपुट मिल रहे है कि कश्मीर में माहौल को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है।

एसएसपी ने जताई थी माहौल खराब होने की आशंका
सोमवार को श्रीनगर के एसएसपी की तरफ से डीसी को एक पत्र लिखा गया। इसमें कहा गया कि जिस प्रकार से जानकारी मिल रही है, उस हिसाब से पांच अगस्त को ब्लैक डे मनाने का प्लान बनाया जा रहा है। कई अलगावादी नेताओं और पाकिस्‍तान के एजेंडे पर काम करने वालों की तरफ से इस दिन ब्लैड डे मनाने के दौरान बड़ा बवाल किया जा सकता है। इससे कश्मीर के माहौल को खराब करने का प्रयास किया जा सकता है। इसके बाद डीसी शाहिद इकबाल चौधरी ने 4 और 5 अगस्‍त को श्रीनगर में कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है।

इमरजेंसी सेवा के कर्मियों को रहेगी छूट
इस आदेश में कहा गया कि कोरोना संक्रमण के कारण पहले ही कई प्रकार के आदेश जारी किए गए हैं, इसमें एक जगह पर ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकते है। लेकिन अब ब्‍लैक डे को देखते हुए श्रीनगर में दो दिनों तक कर्फ्यू लगा रहेगा। इस दौरान केवल उन कर्मचारियों को छूट दी गई है जो इमरजेंसी ड्यूटी पर हैं। आदेश में कहा गया कि ऐसे कमर्चारी अपने आई कार्ड दिखाकर जा सकते हैं। बाकी किसी को बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा श्रीनगर के हर पुलिस थाना इलाके में एक मैजिस्‍ट्रेट को तैनात किया जाएगा, जोकि पूरे हालात पर नजर रखेगा। अगर कहीं पर कर्फ्यू के आदेश का उल्लंघन होगा होगा तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बीजेपी जोर-शोर से मनाएगी बरसी
डीसी शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि श्रीनगर के हालात को देखते हुए आदेश जारी किया गया है। दो दिनों तक आदेश के तहत कर्फ्यू लगा रहेगा। बता दे कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से 5 अगस्‍त को व्‍यापक स्‍तर पर बनाए जाने की योजना है। दिन को घरों पर तिरंगा झंडा लहराने के लिए तो रात को दीपक जलाने के लिए कहा गया है। हर तहसील पर इस प्रकार के कार्यक्रम करने के लिए कहा गया है।

कर्फ्यू का पहले से था अनुमान: महबूबा
श्रीनगर जिले में तत्काल प्रभाव से कर्फ्यू लगा दिया गया है, जो कि चार और पांच अगस्त को भी जारी रहेगा। ऐसे में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जैसे कि अनुमान था कि पांच अगस्त को सामान्य स्थिति बनाने के लिए श्रीनगर में धारा 144 लागू करने के साथ-साथ सैनिकों की अतिरिक्त तैनाती चल रही है और शहर कटीले तारों, पुलिस वैन और बैरिकेड की भूलभुलैया में खो गया है।

दो दिनों तक कर्फ्यू के तहत सख्त कर्फ्यू की संभावना: उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने श्रीनगर में कर्फ्यू की घोषणा पर ट्वीट करके कहा कि 2019 की तुलना में इस साल 24 घंटे पहले ही श्रीनगर में तैयारियां शुरू हो गई हैं। मुझे लगता है कि आज रात से अगले दो दिनों तक कर्फ्यू के तहत सख्त कर्फ्यू रखा जाएगा है।

पांच अगस्त 2019 जम्मू-कश्मीर से हटाया गया था अनुच्छेद 370 और 35-ए
पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के संबंध में ऐतिहासिक फैसला करते हुए अनुच्छेद 370 और 35-ए को हटा दिया था। साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में संकल्प पेश किया था। इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अनुच्छेद 370 हटाने के लिए संविधान आदेश (जम्मू-कश्मीर के लिए) 2019 के तहत अधिसूचना जारी कर दी थी। जम्मू-कश्मीर की स्थिति दिल्ली और पुदुच्चेरि जैसे केंद्र शासित प्रदेश वाली कर दी गई, यानी यहां विधानसभा रहेगी। जबकि लद्दाख की स्थिति चंडीगढ़ जैसी हो गई है। यहां विधानसभा नहीं है।

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