यूपी : अतीक हो या अंसारी सबकी बढ़ रही दुश्वारी

  • -राजा भैया से मुकदमे वापसी पर हाईकोर्ट ने किया जवाब-तलब-
  • मुख्तार अतीक और अशरफ पर कसता जा रहा कानूनी शिंकजा 
  • -राज्यमंत्री रहे डीपीयादव अमरमणि को हो चुकी है उम्रकैद
  • -तीन पूर्व विधायक काट रहे आजीवन कारावास की सजा
  • -बीस साल अंडरग्रांउड रहे बृजेश सिंह भी है एमएलसी -मंत्री और विधायक का हत्यारोंपी है भाजपा का सदस्य 

 योगेश श्रीवास्तव

लखनऊ। कानपुर में विकास दुबे गैंग के सफाए के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरूस्त बनाए जाने की गरज से प्रदेश भर में आपरेशन क्लीन चलाए जाने की घोषणा ने प्रदेश भर की जेलों में बंद माफिया से माननीय बने सफेदपोशों की धुकधुकी बढ़ा दी है। हालांकि योगी सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद से अपराधिक पृष्ठïभूमि के विधायकों पूर्व विधायकों तथा इसी प्रवृति के बाकी दलों के नेताओं पर कार्रवाई शुरू हो गयी थी। जिसके चलते बसपा विधायक मुख्तार अंसारी इन दिनों पंजाब तथा पूर्व विधायक अतीक अहमद इस समय गुजरात की जेल में है जबकि अतीक के भाई पूर्व विधायक अशरफ को हाल ही में  नैनी से बरेली जेल शिफ्ट किया गया है।

हाल ही में सरकारी भूमि पर मुख्तार अंसारी द्वारा कराए गए निर्माण को राज्य सरकार के निर्देश पर ध्वस्त कराया गया है। जानकारों की माने तो सांसदों विधायकों के अपराधिक मामलों के लिए बनाई गयी अदालतों में राज्य सरकार ऐसे विधायकों पूर्व विधायकों की पैरवी में तेजी लाएगी जिनके खिलाफ अपराधिक मामलें लंबित है। इसी साल भारतीय जनता पार्टी के दो विधायकों अशोक सिंह चंदेल तथा कुलदीप सिंह सेंगर को आजीवन कारावास की सजा होने के बाद अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी।

अशोक सिंह चंदेल और कुलदीप सिंह सेंगर दोनों ऐसे विधायक थे जो भाजपा में आने से पूर्व हरदल में रह चुके थे जिसमें चंदेल तो बसपा से सांसद भी रहे। मुलायम सरकार में ही राज्यमंत्री रहे डीपी यादव(धर्मपाल यादव) और तत्कालीन कल्याण सरकार में राज्यमंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी  व मुरादाबाद में सपा के विधायक रहे उस्मानुल हक भी आजीवन कारावास की सजा काट रहे है।

बसपा के मौजूदा विधायक मुख्तार अंसारी 1996 से लगातार विधायक है। 1996 से 2017 के बीच हुए विधानसभा चुनावों में वे सपा-बसपा के अलावा निर्दलीय सदस्य के रूप में भी विधानसभा पहुंचे जबकि 2009 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से भाजपा उम्मीदवार मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ बसपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ चुके है। उनके भाई सिवगुतल्ला अंसारी तथा अफजाल अंसारी भी सांसद विधायक रह चुके है। हाल ही में बसपा विधायक मुख्तार अंसारी के कई गुर्गो के खिलाफ कार्रवाई हुई। उनके द्वारा किए गए अवैधनिर्माणों को ध्वस्त किया गया तथा असलहों के  लाइसेंस निरस्त किए गए।

पूर्वाचल के ही धनंजय सिंह ने राजनीति में होते हुए जरायम की दुनिया में अपने नाम का सिक्का खूब चलाया। दो बार विधायक और एक बार बसपा से सांसद रहे धनंजय सिंह पर अपनी पत्नी की हत्या सहित कई अपराधिक मामलें में दर्ज है। इस समय वे किसी सदन के सदस्य नहीं है। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामलें विभिन्न अदालतों में लंबित है। प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे कल्याण ङ्क्षसह,राजनाथ सिंह,रामप्रकाश गुप्ता और सपा में सीएम रहे मुलायम सिंह यादव तथा अखिलेश यादव की सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया 1993 से अब तक लगातार विधायक है। कई सरकारों में कैबिनेटमंत्री रहे राजा भैया पर तत्कालीन मायावती सरकार ने पोटा भी लगाया था।

हाल ही उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा है कि उनके ऊपर से लगे मुकदमें क्यों हटाए गए। प्रतापगढ़ के चर्चित सीओ जियाउल हक हत्यकांड में भी उनका नाम आया था जिसके चलते उन्हे अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। पूर्वाचल के ही बृजेश सिंह इस समय विधानपरिषद के सदस्य है। विधानपरिषद पहुंचने से पहले वे वाराणसी की सैयदराजा सीट से चुनाव भी लड़े। चालीस से ज्यादा मुकदमों का सामना कर रहे बृजेश सिंह बीस साल अंडरग्रांउड रहने के बाद उड़ीसा में गिरफ्तार हुए थे। उनकी पत्नी भी एमएलसी और भतीजा भी विधायक रह चुका है। पूर्वाचल के ही एक अन्य दबंग नेता राजन तिवारी जो बिहार विधानसभा के दो बार सदस्य रहे इस समय यूपी की भाजपा में है।

प्रदेश के कैबिनेटमंत्री आशुतोष टंडन ने उन्हे भाजपा में शामिल किया था। मूलरूप में गोरखपुर के लक्ष्मीपुर के निवासी राजन तिवारी ने 1998 में बिहार में राजदसरकार के मंत्री बृजबिहारी प्रसाद और गोरखपुर में पूर्व विधायक वीरेन्द्र प्रताप शाही की हत्या में उनका नाम आया था। अपराधिक मामलों में ही उन्हे 2009 में उन्हे आजीवन कारावास की सजा हुई थी। 2014 में पटना हाईकोर्ट से उन्हे जमानत मिल गयी थी। भाजपा में शामिल होने से पूर्व वे राजद और बसपा में भी रहे।   

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