वास्तु शास्त्र : घर का फर्श कैसे बदल सकता है आपकी LIFE, जानिए आप भी कैसे

ऐसा माना जाता है कि घर हमेशा वास्तु का हिसाब से बनवाना चाहिए। क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर को बनाना शुभ माना गया है। कहते हैं कि अपने नए घर में कोई भी वस्तु लगा रहे हैं तो उसे भी वास्तु शास्त्र के हिसाब से ही लगाना चाहिए, वहीं बेहतर होता है। घर की दीवारों से लेकर फर्श तक का भी ध्यान रखना चाहिए। आज हम आपको घर के फर्श के बारे में ही बताना जा रहे हैं कि उसका रंग किस तरह का होना चाहिए। कहते हैं कि जो कोई भी वास्तु शास्त्र के नियमों को अपनाता है, उसके घर से सारे वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। तो चलिए जानतें हैं हर दिशा के हिसाब से फर्श का रंग कैसा हो।

वास्तु शास्त्र के हिसाब से यह दिशा खुशहाली के लिए शुभ मानी जाती है और घर की खुशहाली के लिए इस दिशा में काले रंग का पत्थर लगाना शुभ होगा। कई जानकारों का मानना है कि यह दिशा कुबेर की होती है, तो इस दिशा का सही और साफ होना बहुत जरूरी होता है।

पूर्व दिशाः

भगवान सूर्य को पूर्व दिशा का स्वामी माना जाता है और कहते हैं कि सूर्य की कृपा होने पर व्यक्ति को मान-सम्मान मिलता है। वास्तु के हिसाब से यहां का फर्श गहरे रंग का हो तो शुभ होता है। इंद्र देव की कृपा पाने के लिए भी यह दिशा शुभ मानी गई है।

दक्षिण दिशाः

यह दिशा अग्नि की मानी जाती है और इस दिशा में लाल रंग का पत्थर होना चाहिए। क्योंकि इस दिशा को नरक की दिशा भी माना जाता है और इस तरफ इंसान को सिर रखकर नहीं सोना चाहिए और इसके साथ ही इस कोण में पति-पत्नी का बेडरुम नहीं होना चाहिए।

पश्चिम दिशाः

घर की पश्चिम दिशा में सफेद रंग का फर्श होना सही माना जाता है। इस दिशा में लक्ष्मी जी का निवास माना जाता है। इस दिशा में घर का कूड़ा-कबाड़ रखना अशुभ माना जाता है। जबकि घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में ग्रे रंग के पत्थर का फर्श बनवाना शुभ माना जाता है।

उत्तर-पूर्व दिशाः

कहते हैं कि इस दिशा में भगवान शिव का वास होता है और उनका प्रिय रंग आसमानी व नीला होता है। इसलिए यहां नीले या आसमानी रंग के पत्थर का प्रयोग करना चहिए।

दक्षिण-पूर्व दिशाः

वास्तु के अनुसार इस दिशा में बैंगनी रंग का पत्थर लगाना शुभ होता है। तो वहीं दक्षिण-पश्चिम दिशा में गुलाबी रंग का फर्श होना चहिए।

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