शिवसेना के अरमानो पर फिर फिरा पानी, जानिए कैसे हुआ रातो-रात सियासी उलटफेर

महाराष्ट्र में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है। शिवसेना और कांग्रेस को करारा झटका देते हुए एनसीपी ने आज सुबह अचानक भाजपा के हाथ मिला लिया। तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम के तहत राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने आज सुबह राजभवन में देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।

शपथ ग्रहण के बाद एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में किसानों की समस्या प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “हम किसानों की समस्या को हल करने के लिए साथ आए हैं। नतीजे आने के दिन से लेकर आज तक कोई भी पार्टी सरकार बनाने में सक्षम नहीं थी, महाराष्ट्र किसान मुद्दे सहित कई समस्याओं का सामना कर रहा था, इसलिए हमने एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया।”

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी एनसीपी और अजित पवार का आभार व्यक्त किया है। फडणवीस ने कहा, “मैं एनसीपी के अजीत पवार जी का आभार व्यक्त करना चाहता हूँ कि उन्होंने महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार देने और बीजेपी के साथ आने का यह फैसला लिया। कुछ अन्य नेता भी हमारे साथ आए और हमने सरकार बनाने का दावा पेश किया।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री एवं अजित पवार को उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर शुभकामनाएँ दी हैं। अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि उन्हें विश्वास है कि यह सरकार महाराष्ट्र के विकास और कल्याण के प्रति निरंतर कटिबद्ध रहेगी और प्रदेश में प्रगति के नए मापदंड स्थापित होंगे।

इससे पहले फडणवीस ने कहा था, “लोगों ने हमें एक स्पष्ट जनादेश दिया था, लेकिन परिणाम के बाद भी शिवसेना ने अन्य दलों के साथ गठबंधन बनाने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रपति शासन लगाया गया। महाराष्ट्र को एक स्थिर सरकार की जरूरत है, एक ‘खिचड़ी’ सरकार की नहीं।”

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे। राज्य में किसी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने की वजह से राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। शिवसेना के मुख्यमंत्री पद की माँग को लेकर बीजेपी से 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ने के बाद से राज्य में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था।

शरद पवार बोले- ये फैसला पार्टी का नहीं

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि ये फैसला पार्टी का नहीं है. आजतक से बातचीत में शरद पवार ने ये बातें कहीं. वहीं, प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शरद पवार का महाराष्ट्र में गठित सरकार से कोई लेना-देना नहीं है. हम अजित पवार के फैसले का समर्थन नहीं करते हैं. बीजेपी को समर्थन अजित पवार का निजी फैसला है।

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