नई दिल्ली : कोरोना वयारस के बढ़ते प्रकोप के बीच जब देश के तमाम बड़े अस्पतालों में ऑक्सिजन, बेड और दवाओं की कमी पड़ने लगी है। इस महामारी में इन दिनों एंटीवायरल दवा रेमडेसिविर की डिमांड काफी बढ़ गई है। अधिकांश राज्यों में आसानी से यह इंजेक्शन नहीं मिल रहा है और लोग महंगे दाम पर इसे खरीदने को मजबूर हैं। कहीं 20 हजार और कहीं 40 हजार जिस कीमत में भी लोगों को यह दवा मिल रही है लोग इसे खरीदने को मजबूर हैं। अब नकली रेमडेसिविर की खबरें सामने आ रही हैं।
इस महामारी में भी लोग मुनाफाखोरी से बाज नहीं आ रहे हैं। महंगे दाम में लोग इसे खरीद ही रहे हैं तो वहीं अब नकली रेमडेसिविर ने लोगों की चिंता और भी बढ़ा दी है। दिल्ली- एनसीआर में हाल के दिनों में नकली रेमडेसिविर बनाने और बेचने का मामला सामना आया है। ऐसे में जरूरी है कि नकली रेमडेसिविर की पहचान कैसे की जाए।
Fake Remdesivir racket busted by Crime Branch. 7 person arrested so far. Please do not buy from unverified sources. It may turn out more harmful to the patient.#Covid pic.twitter.com/1WQPcg2Ijd
— Monika Bhardwaj (@manabhardwaj) April 30, 2021
रेमडेसिविर के पैकेट के ऊपर की कुछ गलतियों के बारे में पढ़कर असली और नकली के फर्क को जान सकते हैं। 100 मिलीग्राम का इंजेक्शन सिर्फ पाउडर के तौर पर ही शीशी में रहता है। सभी इंजेक्शन 2021 में बने हैं। इंजेक्शन के सभी शीशी पर Rxremdesivir लिखा रहता है। इंजेक्शन के बॉक्स के पीछे एक बार कोड भी बना होता है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने भी इसको लेकर ट्वीट किया है। उनकी ओर से बताया गया है कि कैसे असली और नकली दवा की पहचान करें।
Attention!!
— Monika Bhardwaj (@manabhardwaj) April 26, 2021
Lookout for these details before buying Remdesivir from the market. pic.twitter.com/A2a3qx5GcA
असली रेमडेसिविर के पैकेट पर अंग्रेजी में For use in लिखा है जबकि नकली वाले में for use in..नकली वाले में कैपिटल लेटर से शुरुआत नहीं हो रही है। असली पैकेट के पीछे चेतावनी लाल रंग से है जबकि नकली पैकेट पर चेतावनी काले रंग में है।
नकली पैकेट पर स्पेलिंग में तमाम गलतियां हैं जिसको ध्यान से पढ़ने पर साफ दिख जाएगा। असली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कांच की शीशी बहुत ही हल्की होती है। इस महामारी के वक्त भी लोग बाज नहीं आ रहे हैं ऐसे में जरूरी है कि किसी भी जगह से इसको खरीदने की बजाय सही जगह से ही खरीदें।
कोरोना के इलाज में काम आ रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के आरोप में क्राइम ब्रांच ने तीन मुलजिमों को गिरफ्तार किया है। वे रेमडेसिविर का एक इंजेक्शन 40 हजार रुपये में बेच रहे थे। उनके पास से रेमडेसिविर के तीन इंजेक्शन, 100 ऑक्सिमीटर और 48 छोटे ऑक्सिजन सिलिंडर भी बरामद किए गए। तीनों को क्राइम ब्रांच ने तीन दिन की रिमांड पर लिया है।