इमरान के ट्वीट पर यूएन वॉच भड़का, कहा- ‘UNHRC में रहने के लायक नहीं हो तुम’

पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसकी पूरी दुनिया में विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है. देश के प्रधानमंत्री की चारो ओर फजीहत हो रही है. फ्रांस कार्टून हिंसा मामले को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का एक बयान अब उनकी दुनियाभर में किरकिरी करा रहा है. बता दें कि पाक पीएम इमरान खान ने फ्रांस पर निशाना साधते हुए कहा था कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ईशनिंदा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. उनके इस बयान को पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया गया था. जिसके बाद इसको रिट्वीट करते हुए संयुक्त राष्ट्र समर्थित संस्था यूएन वॉच ने जमकर फटकार लगाई है. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन (UNHRC) ने इमरान खान को लेकर लिखा है कि आपकी यूएनएचआरसी में मौजूदगी बर्दाश्त के बाहर है. दरअसल, इमरान खान के ट्वीट में उनकी कट्टरता साफ झलक रही है, ऐसे में दुनियाभर में पाकिस्तान का असली चेहरा सबके सामने आ चुका है. इस कट्टरता को लेकर संयुक्त राष्ट्र के यूएनएचआरसी ने इमरान खान को साफ शब्दों में कह दिया है कि आप इस तरह के संगठन में रहने के लायक नहीं है, आपकी मौजूदगी यूएनएचआरसी में बर्दाश्त के बाहर है.

आपको बता दें कि इससे पहले भी पाकिस्तान लगातार मानवाधिकार उल्लंघन करने के गंभीर आरोप झेलते रहा है. इसके बावजूद इस साल चीन और रूस के साथ पाकिस्तान को भी संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन का सदस्य बनाया गया है. उस समय भी यूएन वॉच ने एक बयान जारी कर पाकिस्तान के सदस्य बनने पर कड़ी आपत्ति जताई थी.

जिस शब्द का प्रयोग पाकिस्तानी पीएम ने फ्रांस की घटना पर किया है, उसको लेकर अक्सर पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यक प्रताड़ित किए जाते हैं. बता दें कि पाकिस्तान में तानाशाह जिया-उल-हक के शासनकाल में ईशनिंदा कानून लागू किया गया. पाकिस्तान पीनल कोड में सेक्शन 295-बी और 295-सी जोड़कर ईशनिंदा कानून बनाया गया. दरअसल, ये कानून पाकिस्तान को ब्रिटिश शासन से विरासत में मिला है. 1860 में ब्रिटिश शासन ने धर्म से जुड़े अपराधों के लिए कानून बनाया था जिसका विस्तारित रूप आज का पाकिस्तान का ईशनिंदा कानून है.

वहीं यूएनएचआरसी संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक एनजीओ है. जिसे अमेरिकन जेविस कमेटी (अमेरिकी यहूदी समिति) संचालित करती है. यह संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक परिषद को विशेष परामर्शदात्री स्थिति में एक मान्यता प्राप्त गैर सरकारी संगठन है. यूएन वॉच डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और डारफुर में मानवाधिकारों के हनन से निपटने के लिए सक्रिय रही है. इसके अलावा चीन, क्यूबा, रूस और वेनेजुएला जैसे शासन में मानवाधिकार हनन के खिलाफ भी मुखर रही है.

खबरें और भी हैं...