
नई दिल्ली (ईएमएस)। दुनियाभर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ाने वाला ओमिक्रॉन वैरिएंट कई देशों में डेल्टा से प्रबल साबित हो रहा है।
ओमिक्रॉन संक्रमण की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महज एक माह के अंदर यह दुनिया के 108 देशों में फैल चुका है। इतना ही नहीं अब तक इस वैरिएंट के 1.51 लाख केस सामने आ चुके हैं। दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को ओमिक्रॉन का पहला मामला सामने आया था। आइए जानते हैं कि किन देशों में डेल्टा से ज्यादा घातक साबित हो रहा ओमिक्रॉन। ब्रिटेन में 5 अप्रैल तक 0.10% मामले ही डेल्टा की वजह से आ रहे थे, जो मई आखिर तक बढ़कर 74% हो गए। जून तक 90% से ज्यादा मामलों के पीछे डेल्टा वैरिएंट ही वजह था। वहीं, ओमिक्रॉन की वजह से ब्रिटेन में एक महीने के भीतर कोरोना संक्रमण ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 22 दिसंबर को ब्रिटेन में 1 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए, जो अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा था।
अमेरिका में 19 अप्रैल तक आ रहे कुल कोरोना के मामलों में 0.31% केस के पीछे डेल्टा वैरिएंट ही वजह था। जून अंत तक ये आंकड़ा बढ़कर 50% पर पहुंच गया। एक महीने बाद जुलाई अंत तक 90% से ज्यादा मामलों के लिए डेल्टा जिम्मेदार था।
वहीं, जबसे ओमिक्रॉन ने दस्तक दी अमेरिका में संक्रमण की दर में भारी इजाफा हुआ है। 22 दिसंबर तक अमेरिका में हर चौथा केस ओमिक्रॉन की वजह से आ रहा है। भारत में दिसंबर 2020 के आखिर में डेल्टा वैरिएंट के मामले सामने आना शुरू हुए थे। शुरुआती एक माह में जहां कुल मामलों में से 0.73% केस ही डेल्टा वैरिएंट के थे। वहीं, भारत में महज 22 दिन के अंदर ही ओमिक्रॉन 17 राज्यों में फैल चुका है। 2 दिसंबर को ओमिक्रॉन का पहला मामला सामने आया था। देश में अब तक इस वैरिएंट के 358 मामले सामने आ चुके हैं। जर्मनी में जब डेल्टा वैरिएंट की शुरुआत हुई थी तो 0.69% मामलों के पीछे यह जिम्मेदार था।














