कंगाल पाकिस्तान ने ड्रैगन से फिर मांगा कर्ज, चीन बोला- ‘जाओ पहले गारंटी लेकर आओ’

पाकिस्तान एक कंगाल देश है. इस सच्चाई से पूरी दुनिया वाकिफ है. इस देश में विकास की नहीं आतंक की पौध पनपती. यही वजह है कि पाकिस्तान की आर्थिक हालत बद से बदतर होती जा रही है. पीएम इमरान भीख का कटोरा लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. अब हालत ये कि उसका दोस्त चीन भी उसे दुतकार रहा है. चीन ने पाकिस्तान को एक और कर्ज देने पहले उसकी औकात दिखा दी है. दोनों देशों की मौकापरस्त दोस्ती का यही हश्र होना है.

बता दें कि चीन ने पाकिस्तान की कमजोर आर्थिक स्थिति के मद्देनजर मेन लाइन-एक रेलवे लाइन परियोजना के लिए छह अरब डॉलर कर्ज को मंजूरी देने के पहले उससे अतिरिक्त गारंटी मांगी है. इस परियोजना के जरिए पेशावर से कराची तक 1,872 किलोमीटर रेल मार्ग का दोहरीकरण और पटरियों की मरम्मत का काम किया जाना है.

दरअसल, पहले से ही कमजोर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस के चलते और चरमरी गई है. इस कारण इमरान खान ने कुछ दिन पहले ही जी-20 के देशों से कर्ज में राहत की मांग की थी. पाकिस्तान सरकार के इस फैसले से चीन डरा हुआ है, इसलिए उसने कर्ज के लिए गारंटी की मांग की है. इसके अलावा चीन ने कर्ज की इस राशि को वाणिज्यिक और रियायती दो भागों में देने की पेशकश की है.

मीडिया के हवाले से खबर आई है कि चीन ने रेल परियोजना को वित्तीय राशि मुहैया कराने के लिए वाणिज्यिक और रियायती, दोनों तरह का कर्ज देने का प्रस्ताव रखा है. जिसमें वाणिज्यिक वाले कर्ज पर पाकिस्तान को ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ेगा. ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के मुताबिक 10 दिन पहले (13 दिसंबर) मेन लाइन-एक रेलवे परियोजना के लिए संयुक्त वित्तीय कमेटी की बैठक में अतिरिक्त गारंटी का मुद्दा उठा.

बैठक में शामिल रहे पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन ने वार्ता के दौरान अतिरिक्त गारंटी के मुद्दे उठाए लेकिन पाकिस्तान के साथ साझा किए गए ब्योरे के मसौदा दस्तावेज में इसे शामिल नहीं किया गया. दोनों देशों ने कागजातों पर अब तक दस्तखत नहीं किए हैं. मेन लाइन-एक परियोजना के तहत पेशावर से कराची तक 1,872 किलोमीटर रेल मार्ग का दोहरीकरण, पटरियों की मरम्मत करने का काम शामिल है और चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरेडोर (सीपीईसी) के दूसरे चरण के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है.

आपको बता दें कि बैठक महज 20 मिनट तक चल पायी और वित्तीय और तकनीकी मुद्दे नहीं सुलझ पाए. सूत्रों ने कहा है कि पाकिस्तान छह अरब डॉलर की रकम एक प्रतिशत ब्याज दर पर हासिल करना चाहता है जबकि चीन ने वाणिज्यिक और रियायती, दोनों श्रेणियों के तहत कर्ज देने की पेशकश की है.

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें