
जब से सीएम योगी ने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की कमान संभाली है तब से ही वो भ्रष्ट्राचारियों पर तगड़ा एक्शन ले रहे हैं. जो भी प्रशासन की आंख में धूल झोंकर धांधली करते हुए पाया उस पर कार्रवाई करते हुए सलाखों का रास्ता दिखाया जा रहा है. इसी बीच उत्तर प्रदेश के कानपुर में कबाड़ की आड़ में 150 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. जीएसटी खुफिया महानिदेशालय की टीम ने इस मामले से जुड़े दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि टीम ने 24 करोड़ 14 लाख रुपए की टैक्स चोरी पकड़ी है और करीब 95 लाख रुपए सीज किए हैं.
मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों ने दो सगे भाइयों नूर आलम और मोहम्मद आसिफ को पकड़ा है. वे इन आरोपियों को महज चेहरा मान रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक इस पूरे खेल के पीछे किसी फैजल खान का नाम आ रहा है. फिलहाल दोनों आरोपियों को 14 दिन की रिमांड पर लिया गया है.
जीएसटी की खुफिया एजेंसियों ने कबाड़ की आड़ में बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की सूचना मिलने के बाद कानपुर और लखनऊ यूनिट के अफसरों को इसके संदर्भ में सूचित किया. अफसरों ने कोयला नगर और उन्नाव के दो गोदामों पर छापेमारी की. ये गोदाम हिंद ट्रेडर्स के नाम पर चल रहे थे. वहीं, कबाड़ की सप्लाई गाजियाबाद और पंजाब की बड़ी स्टील कंपनियों को की जा रही थी
बता दें कि बरामद दस्तावेजों की स्क्रूटनी में पाया गया कि हिंदुस्तान ट्रेडर्स, भारत इंडस्ट्रीज और रिमझिम स्टील्स ने बिना सप्लाई के बिल-वाउचर प्राप्त किए. 150 करोड़ रुपए के बिल बनाकर इन फर्मों ने बिना टैक्स दिए 24 करोड़ 14 लाख रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट ले लिया. ये फर्जीवाड़ा सिर्फ तीन माह के भीतर हुआ. हैरान करने वाली बात तो ये है कि मास्टरमाइंड जल्दी-जल्दी फर्में बदल लेते थे. हर फर्म से करोड़ों का कारोबार कर बंद कर दिया जाता था. कुल फर्जीवाड़ा 600 करोड़ से भी ज्यादा का होने के आसार हैं. गोदामों से करीब 100 टन माल बरामद किया गया है. कबाड़ इकट्ठा होते ही ट्रकों में भरकर भेज दिया जाता था. एक ट्रक 25 से 30 लाख रुपए में बेचा जा रहा था. सोचिए कानून को ताक पर रखकर प्रशासन की आंख में धूल झोंकते हुए कितना बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा था. लेकिन कहते हैं कि चोरी एक ना एक दिन पकड़ी ही जाती है.










