
कोरोना की चपेट में आने वालों में डॉक्टरों की भी लंबी लिस्ट है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के मुताबिक अब तक 756 डॉक्टरों की जान कोविड के चलते गई है। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने 3 फरवरी को जो आंकड़ा पेश किया था, उसके मुताबिक 162 डॉक्टर, 44 आशा वर्कर और 107 नर्सों की जान कोविड से गई। उधर, दिवंगत डॉक्टरों के परिजनों की शिकायत है कि उन्हें अब तक बीमा राशि नहीं मिली है।
80% परिवारों को नहीं मिली बीमा राशि
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सेक्रेटरी जनरल डॉक्टर जयेश एम लेले ने बताया, ‘IMA ने इस मामले में 19 अप्रैल 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण को लेटर लिखा था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। 19 अप्रैल तक पहले 756 दिवंगत डॉक्टर्स के परिवारों को बीमा राशि देने के लिए चिह्नित किया गया था, लेकिन उनमें से महज 168 दिवंगत डॉक्टरों के परिवारों को ही यह राशि मिली। सेकंड वेव में ही देश भर से 110 डॉक्टरों की जान जा चुकी है, लेकिन इनमें से किसी को भी बीमा की राशि नहीं मिली। सरकार से गुजारिश है कि इन सभी को बीमा का पैसा जल्द से जल्द दिया जाए। साथ ही इस पॉलिसी का एक्सटेंशन किया जाए।’
कब शुरू हुई और कब तक के लिए थी यह बीमा पॉलिसी?
30 मार्च 2020 में केंद्र सरकार ने मॉडर्न मेडिसिन में काम करने वाले डॉक्टर्स समेत अन्य मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने के बाद मौत होने पर 50 लाख बीमा राशि देने की घोषणा की थी। शुरुआत में यह 90 दिनों के लिए थी, लेकिन बाद में तीन बार इस योजना का एक्सटेंशन हुआ और 24 मार्च तक यह योजना चलाई गई। यह योजना 1.7 लाख करोड़ कोविड राहत पैकेज का हिस्सा थी।
इस योजना में 22 लाख हेल्थकेयर वर्कर्स कवर किए गए थे। इनमें पब्लिक और प्राइवेट सभी हेल्थ सेंटर्स के हेल्थ वर्कर और डॉक्टर शामिल थे। आशा वर्कर, पैरामेडिकल, टेक्नीशियन, डॉक्टर्स, सफाई कर्मचारी, नर्सेज और वार्ड ब्वाॅयज भी इसमें शामिल थे। डॉक्टर्स ने तो इस मुद्दे को कम से कम खुलकर तो उठाया, लेकिन दूसरे मेडिकल प्रोफेशनल्स को तो इसका पता तक नहीं है।
अब तक बिहार के 49 डॉक्टरों की जान जा चुकी है, किसी को एक रुपया भी नहीं मिला
बिहार में सेकंड वेव में अब तक 49 डॉक्टरों की जान संक्रमण की वजह से जा चुकी है। इन सभी डॉक्टरों की मौत ड्यूटी करते हुए संक्रमण होने की वजह से हुई, लेकिन डॉक्टर्स समेत अन्य मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित 50 लाख बीमे की रकम एक भी परिवार को नहीं मिली है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में इलेक्टेड प्रेसिडेंट डॉक्टर सहजानंद ने मीडिया को बताया, ‘न केंद्र और न ही राज्य दोनों ही सरकारों ने अपना वादा नहीं निभाया, केंद्र ने कोविड के इलाज में लगे डॉक्टरों की संक्रमण से मौत होने पर 50 लाख की बीमा राशि देने का वादा किया था, सेकंड वेव में अब तक बिहार के 49 डॉक्टरों की जान जा चुकी है, लेकिन किसी को एक रुपया तक नहीं मिला। दूसरी तरफ राज्य सरकार ने भी 3 लाख रु. देने का वादा किया था, लेकिन वहां से भी शायद एक को छोड़कर किसी को भी एक पैसा नहीं मिला।’
डॉक्टर सहजानंद बिहार में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया, ‘फर्स्ट वेव में तकरीबन 22 डॉक्टरों की जान गई थी। उनमें से भी 1-2 को ही मुआवजा मिला था। हालांकि अभी इसका ठीक आंकड़ा मेरे पास नहीं है, लेकिन सेकंड वेब में तो किसी को भी केंद्र की घोषित बीमे की राशि नहीं मिली है।’














