जनता पर महंगाई की दोहरी चोट : डीजल के दाम बढ़ने से महंगे होंगे उत्पादन

ड़ीजल के दामों में लगातार हो रही मूल्यवृद्धि के साइड़ इफेक्ट सामने आने लगे हैं। भले ही ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की मांग के बाद भी माल भाड़़ा नही बढ़ा है‚ लेकिन लोकल स्तर पर माल की ढुलाई करने वाले वाहनों का किराया अगले माह तक बढ़ जाएगा‚ जिससे नान ब्रांडे़ट खाद्य उत्पादों के दामों में दस फीसद तक की वृद्धि होगी। ड़ीजल की कीमत को देखते हुए अभी अघोषित तौर पर बढ़े हुए शुल्क लिए जा रहे हैं‚ लेकिन अगले माह तक लोक स्तर पर घोषित रूप से भाड़े़ वृद्धि हो जाएगी। इसका सबसे ज्यादा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा।

भाड़ा बढ़ा तो महंगा होगा कच्चा मटेरियल डीजल के बढ़ी कीमतों का हवाला देकर जिस तरह से ट्रांसपोर्ट माल भाड़ा बढ़ाया जाने की मांग कर रहे है‚ उसे उत्पादन भी महंगा होगा। क्योंकि उत्तर प्रदेश एक उपभोक्ता राज्य है और यहां कानपुर‚ बरेली‚ मुरादाबाद‚ नोएडा में तमाम फैक्टरियां जिनमें कच्चा मटेरियल प्रान्त बाहर से आता है और उत्पादन किया जाता है। जानकारों की माने तो भले ही सरकार माल भाड़़ा बढ़ाने की अनुमति न दे लेकिन घाटे को पूरा करने के लिए पल्लेदारी शुल्क को जरूर बढ़ाने दिया जाएगा‚ जिससे कच्चे माल का मूल्य बढ़ने से भी उत्पादन महँगे होगें।

एसोसिएशन की मांग सरकार ने नहीं सुनी अब खुद लेंगे फैसला लखनऊ गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महामंत्री पंकज शुक्ला ने बताया कि सप्लाई डिमांड नहीं होने से 50 फीसदी वाहनों के पहिये पहले से ही थमे हुए हैं। जो वाहन सड़़क पर हैं उनके बीच भी भाड़़ा उठाने की प्रतिस्पर्धा है। इसी का फायदा माल के मालिकों को मिलता है‚ लेकिन अब इसे रोकने के लिए ट्रांसपोर्टर्स एकमत होकर परिवहन शुल्क बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इस मामले पर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस लगातार बैठकें भी कर रहा है। पंकज शुक्ला का कहना है कि ड़ीजल 65 रूपये से बढ़कर 90 रूपये लीटर तक पहुंच गया है‚ लेकिन भाड़़ा न बढ़ाने से तीन हजार रूपये प्रति चक्कर का घाटा हो रहा है‚ इस घाटे से बचने के लिए ट्रांसपोर्टर ने माल की लोडिंग व अनलोडिंग का खर्च माल स्वामियों पर ही ड़ाल दिया है।

लोकल माल ढुलाई का भाड़़ा अगले माह तक बढ़ जाएगा

ट्रांसपोर्ट कम्पनियों ने परिवहन विभाग की अनुमति न मिल पाने के कारण घोषित रूप से किराया नही बढ़ाया है‚ लेकिन ट्रांसपोर्ट नगर से लखनऊ के विभिन्न बाजारों में माल पहुंचाने वाले लोकल वाहनों ने करीब दस फीसद तक किराया बढ़ाया जाना तय कर लिया है। लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमर नाथ मिश्रा का कहना है कि निश्चित रूप से डीजल के दामों में काफी ज्यादा वृद्धि हुई है‚ इसलिए लोकल माल ढुलाई काम काम करने वाले वाहन स्वामियों ने किराया बढ़ाया तय किया है। उनका कहना है कि अभी तक एक गाड़़ी में 400 पीस माल की ढुलाई लोकल में 1000 पढ़ती है‚ जिस पर अगले माह तक वृद्धि अगल होगी तो दुकानदारों को या तो अपना मुनाफा कम करना होगा या फिर दाम बढ़ाने होगें।

खाद सामग्री की संभावित मूल्य आटा 30 से ₹35 दाल 75 से ₹130 चावल 45 से ₹180 चीनी 42 से ₹50 तेल 155 से ₹170

सब्जियां फुटकर रेट (प्रति किलो)

आलू 20 से ₹25 किलो टमाटर 30 से ₹40 किलो शिमला मिर्च 40 से ₹ 60 किलो लहसुन 50 से ₹60 किलो प्याज 30 से ₹40 किलो लौकी 25 से ₹30 किलो 

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