
नई दिल्ली (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने द्विपक्षीय संबंधों और दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ाने के मुद्दे पर शुक्रवार की रात करीब एक घंटे तक बातचीत की।
राष्ट्रपति बाइडेन प्रधानमंत्री मोदी के सात लोक कल्याण मार्ग स्थित सरकारी आवास पर आये तथा दोनों नेताओं की बातचीत के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय व्हाइट हाउस की ओर से जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन करता है। साथ ही वह वर्ष 2028-29 में सुरक्षा परिषद में गैर स्थायी सदस्य की दावेदारी में भारत का समर्थन करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच द्विपक्षीय वार्ता जी-20 शिखर वार्ता के ठीक पहले हुई है। अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता को समर्थन प्रदान करने की घोषणा की। दोनों देशों ने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने का फैसला किया। इस संबंध में अगली पीढ़ी के परमाणु रियेक्टर प्रौद्योगिकी के संबंध में बातचीत को और तेज करने का फैसला किया। भारत और अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन में विवाद के सातवें और अंतिम मुद्दे को सुलझाये जाने का भी ऐलान किया।
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि भारत और अमेरिका की साझेदारी दोनों देशों के लोगों की समृद्धि और दुनिया में बेहतर हालात बनाने पर केंद्रित है। दोनों देशों ने स्वतंत्र खुले और समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र पर जोर दिया।
दोनों नेताओं ने अमेरिकी नौ सेना के युद्ध पोतों की मरम्मत मझगांव गोदी (शिपयार्ड) में कराये जाने के बारे में हुए समझौते का स्वागत किया। अमेरिका के उद्योग क्षेत्र ने भारत के विमानों की मरम्मत देखभाल और क्षमता विस्तार के पेशकश का स्वागत किया।
भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिका के नासा के बीच अगले वर्ष अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केन्द्र संबंधी अभियान पर बातचीत शुरू हो गई है तथा इस वर्ष मानव अंतरिक्ष अभियान को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। राष्ट्रपति बाइडेन ने चंद्रयान-3 के सफल अभियान पर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी।
दोनों नेताओं ने भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान के संवाद मंच क्वाड के प्रति समर्थन व्यक्त किया तथा प्रधानमंत्री मोदी ने अगले वर्ष भारत में आयोजित होने वाली क्वाड शिखर वार्ता के लिए आमंत्रित किया।
दोनों नेताओं ने भारत और अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी को सभी क्षेत्रों में बढ़ाने का निश्चय किया। साथ ही स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानवाधिकार और सभी नागरिकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित कराने पर जोर दिया।
दोनों देशों ने नवीनतम रक्षा प्रौद्योगिक के क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करने का भी निश्चय वयक्त किया।














