धर्मांतरण गैंग को मुस्लिम देशों से होती थी फंडिग, खुफिया रिपोर्ट से हुए ये बड़े खुलासे !

हाल ही में यूपी के अंदर एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का खुलासा हुआ है और इस रैकेट को चालने वाले दो मास्टरमाइंड मौलानाओं को गिरफ्तार किया गया. धर्म परिवर्तन कराने के लिए लोगों को मजबूर करने वाले गैंग के खुलासे के बाद से ही यूपी पुलिस इनकी साजिश के तार की तह तक जाने की कोशिश कर रही है कि आखिर इस पूरे खेल को किसके इशारों पर कौन कौन लोग कहां से चला रहे थे. और इसके लिए फंडिग कहां से हो रही थी. जैसे जैसे यूपी पुलिस जानकारी मिलती जा रही है वैसे ही अब इस मामले में नए नए खुलासे हो रहे हैं.

इसी बीच अब यूपी पुलिस की खुफिया रिपोर्ट में इस मामले में कई बड़े खुलासे हुए हैं. बताया गया है कि नोएडा डेफ सोसायटी में पढ़ने वाले 12-15 मूक-बधिर युवकों को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया गया. पूछताछ में पता चला है कि इस रैकेट के जरिए बहरे और गूंगे युवाओं को टारगेट किया जा रहा था.

रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि इस्लामिक दवाह सेंटर  को संयुक्त राज्य अमेरिका, कतर, कुवैत में स्थित गैर सरकारी संगठनों से विदेशी फंडिंग का संदेह है. धन को फातिमा चैरिटेबल फाउंडेशन दिल्ली, लखनऊ की अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन सहित कई भारत-आधारित एफसीआरए पंजीकृत गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से आईडीसी में भेजा जाता है. इसमें मेवात ट्रस्ट फॉर एजुकेशनल वेलफेयर फरीदाबाद, मरकजुल मारीफ मुंबई और ह्यूमन सॉलिडेरिटी फाउंडेशन दिल्ली भी शामिल हैं. उमर गौतम ने AIUDF के सांसद बदरुद्दीन अजमल की ओर से फंडिंग होने का भी दावा किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक अब भी देशभर में 60 से ज्यादा इस्लामिक दवाह सेंटर चलाए जा रहे हैं. इनके मेन टारगेट पर यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र हैं. दवाह के नाम से कट्टरपंथी और कट्टरपंथी संगठनों की ओर से धर्म परिवर्तन जैसी गतिविधियां चलाई जा रही हैं, जिसे साइलेंट जिहाद का नाम दिया गया है. उमर का दिल्ली के ग्लोबल पीस सेंटर के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जिसे मौलाना कलीम सिद्दीकी की ओर से चलाया जाता है. वो विशेष रूप से मेवात क्षेत्र में धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल है.

महिला और बाल विकास मंत्रालय में अनुवादक के रूप में कार्यरत इरफान शेख IDC को जरूरतमंद मूक-बधिर युवाओं और महिलाओं की डिटेल मुहैया करवा रहा था, जिन्हें आर्थिक मदद देकर धर्मांतरण के लिए टारगेट किया जाता था. आईडीसी का कतर स्थित सलाफी उपदेशक डॉ बिलाल फिलिप्स की ओर से स्थापित इस्लामिक ऑनलाइन विश्वविद्यालय के साथ संबंध हैं, जो जाकिर नाइक के सहयोगी हैं. तो इस तरह से धर्मांतरण गैंग की साजिशों के तार विदेशों से भी जुड़े हुए हैं. और आरोपियों से पूछताछ में कई और बड़े खुलासे भी हो सकते हैं.

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