मेरठ में अब घरों में घुस रहा बाढ़ का पानी, 19 गांवों में लगातार बढ़ रहा खतरा

मेरठ।  हस्तिनापुर में गंगा में आई बाढ़ का पानी लगातार गांवों की ओर बढ़ता जा रहा है। 12 हजार से अधिक आबादी का जीवन खतरे में हैं। टूटे तटबंध को जोड़ने के लिए लगातार जेसीबी से मिट्‌टी डाली जा रही है। मगर पानी का बहाव इतना तेज है कि तटबंध जुड़ नहीं रहा। लगातार कटाव बढ़ता जा रहा है। ड्रोन से निगरानी हो रही है। 19 गांवों में लगातार खतरा बढ़ रहा है।

15 से ज्यादा गांवों पर मंडरा रहा खतरा

हस्तिनापुर के शिरजेपुर, हादीपुर गांवडी, बधवा, हरिपुर, प्रेमपुर, चामरोद, मखदूमपुर, फतेहपुर प्रेम, चामरोद, मागूपुर, गोकलपुर, दुपेड़ी, खेड़ी कलां आदि गांवों में बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है। धान, गन्ने की पूरी फसल बाढ़ के पानी में बह गई है। ग्रामीणों के अनुसार लगभग 7हजार हेक्टेयर फसल को नुकसान हुआ है। शाम तक हालात और खराब होंगे।

तटबंध टूटा, खेतों और घरों में घुसा पानी

गंगा नदी में शनिवार रात में तेजी से जलस्तर बढ़ने लगा। जिसकी वजह से आज सुबह तकरीबन 4 बजे तटबंध टूट गया और पानी खेतों और घरों में घुस गया है। जिस तटबंध को देखने शनिवार डीएम खुद गए थे वो तटबंध पानी में बह गया। पानी ने तटबंध को तीन जगह से तोड़ दिया है और अब गांवों में घुसने लगा है।

स्थानीय निवासियों के अनुसार रात से ही पानी का बहाव इतना ज्यादा था कि तटबन्ध उसे झेल नहीं पाया। पानी सुबह तब तटबंध तक पहुंच गया। पानी तटबंध पर तीन से चार जगहों से पार होकर खेतों और गांवों की तरफ आ गया। गंगा किनारे के गांवों में लगभग 4 फीट पानी पहुंच चुका है। अभी जान माल की हानि नहीं हुई है। लोगों को कल से ही दूसरे इलाके में भेजा जा रहा था। उत्तराखंड से छोड़ा गया 4 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी हस्तिनापुर पहुंच चुका है। शनिवार से ही हस्तिनापुर में बारिश जारी है।

इन जगहों पर टूटा तटबंध
फतेहपुर प्रेम तटबंध दो स्थानों से क्षतिग्रस्त होकर टूट चुका है वही सिरजोपुर गांव के समीप तटबंध टूट गया है जहां से पानी लगातार गांव की ओर बढ़ रहा है। रविवार सुबह गंगा का जलस्तर बिजनौर बैराज से 4 लाख 25 हजार क्यूसेक पर पहुंच गया। जिस कारण खादर क्षेत्र में बढ़े जलस्तर ने तटबंध को तीन स्थानों से तहस-नहस कर दिया। संपर्क मार्ग जलमग्न हो चुके हैं

प्रशासन ने नहीं कराई कोई व्यवस्था
पानी लगातार बढ़ रहा है, कई गांव पानी की चपेट में आ चुके हैं लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था यहां पर नहीं की गई है। खादर के ग्रामीण पानी बढ़ने के कारण दहशत में हैं। पुलिस लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की चेतावनी दे रही है। सैकड़ों हेक्टेयर फसल जलमग्न हो चुकी है। कई गांवों के संपर्क मार्ग भी कट गए हैं। लेकिन इन हालातों से निपटने के लिए शासन-प्रशासन की अभी तक कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही है।

सिंचाई विभाग ने समय रहते नहीं दिया ध्यान
वहीं टूटे बंद को जोड़ने की भी प्रशासन द्वारा कोई कवायद शुरू नहीं की जा रही है अंदाजा लगाया जा रहा था कि अगर जलस्तर और बड़ा तो तटबंध टूट सकता है लेकिन समय रहते सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। अगर सिंचाई विभाग समय पर तटबंध बना देता तो यह दिन शायद देखने को नहीं मिलते। बारिश और बाढ़ से परेशान लोगों के सामने अब सबसे बड़ी समस्या ये है कि वे अब कहां पर जाकर शरण लें। उनके लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है।

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