यूपी सरकार जल्द ही जनता को 100 साल पुराने नियमों के जंजाल से दिलाएगी मुक्त

लखनऊ. यूपी सरकार जल्द ही जनता को कई साल पुराने नियमों के जंजाल से मुक्त करेगी। यूपी सरकार 100 साल पुराने कानूनों को खत्म करने पर विचार कर रही है। इससे आम जनता को राहत मिलेगी। इसके लिए संबंधित औद्दोगिक विकास विभाग अपने यहां इस तरह के मामलों की समीक्षा कर जानकारी देंगे कि किस कानून को रखा जाए और किसे नहीं। इसके अलावा आवश्कत वस्तुओं से जुड़े चार कानून एक होंगे। यह सारी कवायद केंद्र की मोदी सरकार की तर्ज पर यूपी सरकार कर रही है।

इम कानूनों पर विचार

इंडियन फारेस्ट यूपी रूल 1964, यूपी कलेक्शन एंड डिस्पोजल आफ डि्रफ्ट एंड स्टैंडर्ड वुड एण्ड टिंबर रूल्स, यूपी कंट्रोल आफ सप्लाई डिस्ट्रब्यूशन एंड मूवमेंट आफ फ्रूट प्लांटस आर्डर-1975, यूपी फारेस्ट टिंबर एंड ट्रांजिट आन यमुना, टन व पबर नदी रूल्स 1963, यूपी प्रोडयूस कंट्रोल ,यूपी प्रोविंसेस प्राइवेट फारेस्ट एक्ट कानूनोंको खतम करने या न करने पर विचार हो रहा है।

ये चार कानून होंगे एक

यूपी शिड्यूल कॉमोडिटीज से जुड़े चार आदेश हैं। इन सभी का विलय किया जा सकता है। इसी तरह खाद्द एवं रसद विभाग में कई इस तरह के एक्ट व नियमवाली है, जिन्हें एक में किया जा सकता है। यूपी कैरोसीन कंट्रोल आर्डर 1962, यूपी सेल्स आफ मोटर स्पि्ट, डीजल आयल, एंड अल्कोहल टैक्सेशन एक्ट के तहत होने वाला काम कुछ विभाग दूसरे विभाग के जिम्मे है। इन्हें भी एक किया जा सकता है।

खबरें और भी हैं...