
नई दिल्ली (ईएमएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एमएसएमई संरक्षण के लिए औद्योगिक केंद्र व एकल जीएसटी दर को अनिवार्य बताया है। उन्होंने रविवार को ऊटी में मॉडीज चॉकलेट्स के अपने दौरे का एक वीडियो साझा किया और कहा कि यह भारत के एमएसएमई की महान क्षमता और औद्योगिक केंद्र बनाने व एकल जीएसटी दर को लागू करने का एक उल्लेखनीय प्रमाण है। इस दौरान राहुल गांधी ने अपने हाथों से चॉकलेट भी बनाई, जिसका वीडियो भी उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इस दौरान राहुल ने कहा कि हमें एमएसएमई की सुरक्षा के लिए खड़े होना चाहिए, जो भारत के विकास इंजन को चलाने की सामर्थ्य रखते हैं। एक ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा कि 70 महिलाओं की टीम ऊटी की प्रसिद्ध चॉकलेट फैक्ट्रियों में से एक को चलाती है। मॉडीज़ चॉकलेट की कहानी भारत के एमएसएमई की महान क्षमता का एक उल्लेखनीय प्रमाण है।
A team of 70 incredible women drives one of Ooty’s famous chocolate factories!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 27, 2023
The story of Moddys Chocolates is a remarkable testament to the great potential of India's MSMEs.
Here's what unfolded during my recent visit to the Nilgiris:https://t.co/yNdM37M01M pic.twitter.com/UfPvLryBuC
उन्होंने चॉकलेट फैक्ट्री की अपनी यात्रा का लिंक भी साझा किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि सुरम्य नीलगिरी के बीच विश्व स्तर पर प्रसिद्ध भारतीय उद्योग हैं, ऊटी के चॉकलेट निर्माता। हाल ही में वायनाड जाते समय, मुझे ऊटी के सबसे प्रसिद्ध ब्रांडों में से एक, मोडीज़ चॉकलेट्स का दौरा करने का आनंददायक अनुभव हुआ। इस छोटे व्यवसाय के पीछे दंपति मुरलीधर राव और स्वाति की उद्यमशीलता प्रेरणादायक है।
राहुल गांधी ने कहा कि सभी महिलाओं की टीम भी उतनी ही उल्लेखनीय है, जो उनके साथ काम करती है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि, पूरे भारत में अनगिनत अन्य छोटे और मध्यम व्यवसायों की तरह, मॉडीज़ भी गब्बर सिंह टैक्स के बोझ से जूझ रहा है। ऐसे परिदृश्य में ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार एमएसएमई क्षेत्र को नुकसान पहुंचाकर बड़ी कंपनियों का पक्ष लेती है, यह उन महिलाओं जैसे कड़ी मेहनत करने वाले भारतीयों का धैर्य है, जिनसे मैं यहां मिला, जो भारत के विकास को बनाए रखता है। राहुल ने कहा, औद्योगिक केंद्र बनाना और एकल जीएसटी दर को लागू करना एमएसएमई को बचाने के लिए अनिवार्य उपाय है, जो सामूहिक रूप से भारत के विकास इंजन को चलाने की शक्ति रखते हैं।














