
उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड की गूंज पूरे देश में सुनाई दी. इस मामले में सूबे की योगी सरकार ने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. जिले के एसपी, एसएसपी और संबंधित थाने के इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों के नारको और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं सीएम योगी ने पूरे मामले की सीबीाई जांच करने का भी ऐलान किया है. इतना सब करने के बाद भी इस पर सियासत हो रही है. राजनीतिक दल बेवजह मुद्दा बनाकर अपना सियासी उल्लू सीधा करने में जुटे हैं. कांग्रेस पार्टी की हालत खराब है.
उसका जनाधार खत्म होने के कगार पर है. जानकारों का मानना है कि ऐसे में कांग्रेस हाथरस केस पर बीजेपी के खिलाफ आवाज उठाकर अपना जनाधार बनाने की जुगत में लगी है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस केस को राजनीतिक तूल दे रहे हैं. राहुल-प्रियंका पीड़िता के परिजनों से मिलने के लिए लाव-लश्कर के साथ निकले तो योगी की पुलिस ने ग्रेटर नोएडा में दोनो भाई-बहनों को हिरासत में ले लिया. बाद में प्रशासन ने दोनों को मिलने की अनुमति दी. इस पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस की मंशा पर सवालिया निशान खड़े हो गए. अब लोगों के जहन में एक ही बात आ रही है कि जब योगी सरकार आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठा चुकी है तो फिर राहुल गांधी हंगामा क्यों कर रहे हैं.
अब राहुल गांधी से सामूहिक दुष्कर्म की एक और पीड़िता ने सवाल पूछा कि हाथरस के मामले में इतनी तत्परता दिखाई है और लेकिन उसके साथ भी सामूहिक बलात्कार हुआ है, उसे न्याय दिलाने क्यों नहीं आते. बता दें कि राजस्थान के बारां जिले में एक महिला को बंधक बना कर उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया. महिला न्याय के लिए गुहार लगा रही है लेकिन सूबे की कांग्रेस सरकार आरोपियों पर उचित कार्रवाई नहीं कर रही है.
मीडिया से बातचीत करते हुए पीड़िता ने राहुल गांधी पर पक्षपात का आरोप लगाया है. पीड़िता ने कहा कि राहुल गांधी बारां क्यों नहीं आ सकते हैं? राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक दूसरे राज्य में घटनाएं होने पर वहां जाते हैं, लेकिन अपने ही प्रदेश में स्थित बारां नहीं आते हैं. उन्होंने कहा कि मुझमें और हाथरस की बेटी में क्या फर्क है, अन्याय तो मेरे साथ भी हुआ है, मैं भी हाथरस की बेटी जैसी हूं, मैं चाहती हूं कि मेरे साथ भी न्याय हो, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी यहां आएं, मेरे मामले पर भी सुनवाई हो और मुझे भी न्याय मिलना चाहिए.
पीड़िता के साथ किस तरह से अत्याचार हुआ ये भी उन्होंने मीडिया को बताते हुए कहा कि पहली जुलाई 2020 को दो लोग उनके पास आए और कहा कि उनके माता-पिता ने खेत पर बुलाया है, इसके बाद उन लोगों ने घर वालों के पास ले जाने के बजाय डरा-धमका कर श्योपुर ले गए.
पीड़िता ने बताया कि महीनों तक एक कमरे में बंद कर दिया और उसके साथ बलात्कार किया. लड़की ने बताया कि आरोपियों ने उसके साथ जबरदस्ती करके शादी के काग पर हस्ताक्षर भी करा लिए थे, इसके अलावा वे रात के वक्त उसके साथ मारपीट भी करते थे.
आपको बता दूं कि पीड़िता किसी तरह से उन दरिंदों के चंगुल से छूट कर बाहर आई, तब उसने 7 अगस्त को सीसवाली थाना क्षेत्र में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले में राजस्थान की पुलिस का रवैया भी बेहद लापरवाही भरा है और अभी तक एक भी आरोपी गिरफ्तार नहीं किया गया है. जबकि पीड़िता की ओर से पुलिस अधीक्षक से भी मदद की गुहार लगाई गई.














