वीडियो: किसानों के ‘आतंक’ से परेशान बीमार बुजुर्ग धरने पर बैठे !

26 जनवरी को तथाकथित किसानों की ओर से हुए हिंसक ट्रैक्टर रैली प्रदर्शन की कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जहाँ एक तरफ कल पुलिसकर्मियों के साथ किसानों की बर्बरता देखने को मिली। वहीं अब इंटरनेट पर एक बीमार बुजुर्ग के साथ तथाकथित प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई बदसुलूकी की वीडियो भी सामने आई है, जिसको देखकर आपके भी रूह काँप जाएँगे।

रिपब्लिक के पत्रकार रवि मिश्रा ने आज (27 जनवरी, 2021) ट्विटर पर एक बुजुर्ग व्यक्ति की वीडियो शेयर की है। जो रो-रो कर किसानों के सामने अपनी व्यथा बता रहा है। हालाँकि, किसान उसकी बातों से पसीज नहीं रहे बल्कि उसके आँसू को एक प्रोपेगैंडा बता रहे है।

बता दें, यूजर ने बताया कि यह वीडियो यूपी गेट का है। जहाँ पर स्थानीय लोग किसान प्रदर्शन से परेशान हो गए हैं। वहीं एक बुजुर्ग अपनी गाड़ी छोड़ सड़क पर बैठ कर रोने को मजबूर हो गए। वीडियो में बुजुर्ग आदमी सड़क पर बैठे हैं और वहाँ से उठते हुए कहते हैं, “ये बोलते है आगे जाओगे तो मारूँगा। अरे क्या गुनाह किया है? हम यहाँ से निकले नहीं? ये हमारे रास्ते में आ गए।”

वहीं बूढ़े व्यक्ति की बात सुनकर प्रदर्शन में मौजूद एक व्यक्ति कहता है, “मत सुनो, सब ऐसे ही लोग है जो हमें बदनाम करने वाले है।” उसकी बातों को सुन बुजुर्ग व्यक्ति कहता है, “अरे बदनाम करने वालों मैं तो मरने वाला हूँ।”

इसके बाद बुजुर्ग व्यक्ति बताता है कि, आगे आने पर ये लोग बोलते है कि मारूँगा। भगा दिया इन्होंने। ये टोपीधारी था। मैं बीमार आदमी हूँ। मैं तो बस डॉक्टर को दिखाने जा रहा हूँ। हार्ट पेशेंट हूँ। मैं तो पंत हॉस्पिटल जा रहा था। ये लोग गाड़ी के सामने आ गए जैसे कोई झगड़ा करने आए हो। क्या कसूर है हमारा। हम निकल नहीं सकते? सड़क किसी के बाप की है?

गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद एक्शन मोड में आई दिल्ली पुलिस ने 37 नेताओं पर एफआईआर दर्ज की है। इनमें राकेश टिकैत, डाॅ दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह, बूटा, बलवीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह के नाम शामिल हैं। समयपुर बादली में दर्ज एफआईआर नंबर 39 में नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर और स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव का नाम भी शामिल है। इससे पहले पुलिस ने इस संबं.

पुलिस का कहना है कि 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी हिंसा में घायल हुए। अधिकांश को आईटीओ और लाल किले पर दंगों में चोट आई। अब पुलिस इन किसान नेताओं को पूछताछ के लिए समन भेजेगी। सुप्रीम कोर्ट में भी इस संबंध में याचिका दर्ज हुई है। इसमें हिंसा की जाँच और घटना के लिए जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति व संगठन के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग है।

खबर साभार : opindia 

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