सीताराम येचुरी ने कहा- बंगाल में त्रिशंकु विधानसभा हुई तो ममता मिला सकती हैं बीजेपी से हाथ !

कोलकाता :  मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) महासचिव सीताराम येचुरी ने रविवार को कहा कि आरएसएस-बीजेपी की सांप्रदायिक गतिविधियों को रोकने के लिए यह जरूरी है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पहले तृणमूल कांग्रेस को हराया जाए। उन्होंने दावा किया कि राज्य में त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में ममता बनर्जी सरकार बनाने के लिए फिर से एनडीए में शामिल हो सकती हैं।

तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच जारी राजनीतिक खींचतान को नूराकुश्ती बताते हुए येचुरी ने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बनाए गए ‘पीएम केयर्स’ फंड का इस्तेमाल चुनावों के दौरान नेताओं को ‘खरीदने’ में कर रही है। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में सिंघू बॉर्डर पर किसान मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर किसान, जो हमें भोजन मुहैया कराते हैं, ऐसी वीरतापूर्ण लड़ाई लड़ सकते हैं, तो हम भी यहां ऐसा कर सकते हैं।’

‘अमित शाह का बेटा बीसीसीआई का सचिव कैसे बना?’
येचुरी रविवार को पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यहां ब्रिगेड परेड ग्राउंड में सीपीएम और कांग्रेस की एक संयुक्त रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने कहा, ‘वामपंथी और धर्मनिरपेक्ष ताकतों का यह महागठबंधन राज्य में भ्रष्ट तृणमूल कांग्रेस सरकार और बीजेपी को हराने और बेहतर बंगाल के लिए लड़ेगा।’ वंशवाद की राजनीति के मुद्दे पर कई अन्य राजनीतिक दलों, खासकर कांग्रेस पर हमला करने को लेकर बीजेपी की आलोचना करते हुए येचुरी ने हैरानी जताते हुए कहा कि गृह मंत्री अमित शाह का बेटा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का सचिव कैसे बन गया। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी, भ्रष्टाचार और वंशवाद की राजनीति की बात करती है। एक स्टेडियम नरेंद्र मोदी के नाम पर है। अमित शाह के बेटे क्रिकेट संघ (बीसीसीआई) में एक पदाधिकारी हैं।’

‘सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक साथ आना होगा’
सीपीएम नेता ने आरोप लगाया कि राज्य में ममता बनर्जी प्रशासन युवाओं के साथ वही कर रहा है, जो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों के खिलाफ कर रही है। उन्होंने कहा, ‘कई लोग मुझसे पूछते हैं कि त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में हम क्या करेंगे। मैं उनसे कहता हूं कि वे यह सवाल सीधे तृणमूल कांग्रेस से करें क्योंकि वे इसका जवाब देने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में हैं।’ उन्होंने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस 1998 से (कई वर्षों तक) एनडीए का हिस्सा रही है। वह (केंद्र में) एनडीए सरकार का हिस्सा रही है। चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में मुझे पूरा विश्वास है कि तृणमूल कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने के लिए बीजेपी से हाथ मिला लेगी।’ येचुरी ने कहा, ‘बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी को हराने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक साथ आना होगा।’ उन्होंने दावा किया कि बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस धर्म का इस्तेमाल देश और राज्य के लोगों की समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए कर रहे हैं।

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