हमास का समर्थन व भारत के विरोध में ट्वीट करने के आरोपित की सशर्त जमानत मंजूर

-कोर्ट ने कहा, अपराध की सजा तीन साल, 10 माह से जेल में बंद, जमानत का हकदार

प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आतंकी संगठन हमास का समर्थन करने व भारत सरकार का इजराइल को समर्थन करने पर विरोध करने का ट्वीट करने के आरोपित की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है।

यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने आरोपित गौस मोहम्मद की अर्जी पर दिया है। आरोपित गौस ने ट्विटर पर गाजा पर इजरायल के हमले के विरोध में आतंकी संगठन हमास का समर्थन किया। साथ ही उसने भारत सरकार द्वारा इसराइल का समर्थन किए जाने का विरोध भी किया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोप लगाया कि उसकी इस ट्वीट से गांव सिघाई मुरावन, जिला बरेली में काफी तनाव फैल गया।

याची का कहना था कि आरोप झूठे हैं। आरोपों का विचारण मजिस्ट्रेट द्वारा किया जाना है। जिसकी अधिकतम सजा तीन साल है और 20 अक्टूबर 23 से पिछले 10 माह से जेल में बंद है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ऐसे में उसे ट्रायल पूरा होने तक जमानत दी जाय। इस आधार पर हाईकोर्ट ने उसे सशर्त जमानत दे दी है और कहा कि शर्तों का उल्लघंन करने पर जमानत निरस्त की जा सकती है।

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