5 माह से पॉजिटिव महिला ने इम्युनिटी के लिए पिया 45 लीटर काढ़ा, डॉक्टर्स ने कही ये बात…

भरतपुर : भरतपुर के ‘अपना घर’ आश्रम के कोविड केयर सेंटर में रह रही महिला शारदा देवी प्रदेश में संभवत: सबसे लंबे समय से कोरोना पॉजिटिव हैं। पिछले पांच महीने में वह करीब 45 लीटर आयुर्वेदिक काढ़ा पी चुकी हैं और करीब ढाई सौ ग्राम वजन की दवाएं खा चुकी हैं। उन्हें अब दवाओं और काढ़े से कोफ्त होती है, लेकिन कोरोना का डर उन्हें दवा लेने को मजबूर करता है।

‘अपना घर’ आश्रम में जब शारदा देवी आई थीं तब वह बेसहारा थीं। हालत बहुत खराब थी और मरणासन्न अवस्था में थीं, लेकिन अब उनका वजन 30 से बढ़कर 38 किलो हो गया है। इसलिए वह कहती हैं कि शायद दवाओं और दुआओं ने उन्हें बचा लिया। बता दें कि भरतपुर के ‘अपना घर’ आश्रम में बेसहारा लोगों को रखा जाता है।

14 आरटीपीसीआर और 17 एंटीजन टेस्ट, सभी पॉजिटिव
28 अगस्त यानी 5 महीने पहले कोरोना पॉजिटिव हुईं शारदा देवी की अब तक 31 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव हो चुकी हैं। इनमें 14 आरटीपीसीआर और 17 एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट हैं, लेकिन वे नेगेटिव नहीं हो पा रहीं। शारदा देवी की 32वीं जांच सोमवार को होगी।

भरतपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कप्तान सिंह का कहना है कि अब टेस्ट की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि शारदा देवी की रिपोर्ट और लक्षण देखते हुए लगता है कि उनका वायरस डेड हो गया और किसी ऑर्गेन में फंसा है। इसलिए रिपोर्ट तो पॉजीटिव आएगी, लेकिन संक्रमण का कोई खतरा नहीं है।

उन्होंने बताया कि इस तरह की रिपोर्ट भी माइक्रो बॉयोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार ने दी थी। उनका कहना था कि नाक में कोरोना वायरस डेड अवस्था में हो सकता है। फिलहाल, डॉक्टरों के लिए चुनौती बनी शारदा देवी अपने आपको को सामान्य/स्वस्थ्य बताती हैं, लेकिन चिकित्सकों से ज्यादा चिंता और पसोपेश की स्थिति ‘अपना घर’ आश्रम की है।

हर दिन काढ़ा और दवाएं
शारदा देवी को एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक दवाएं दी जा रही हैं। आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि शुरुआत के 14 दिन तक एलोपैथी दवाएं दी। इसके बाद होम्योपैथी दवाएं और आयुर्वेदिक काढ़ा प्रतिदिन दिया जा रहा है। इसमें कोई 300 एमएल आयुर्वेदिक काढ़ा प्रतिदिन दिया जाता है। इससे उनका वजन बढ़ गया है।

शारदा बोलीं- अच्छी हूं, पूरी तरह ठीक होकर मैं भी सेवा करूंगी
मानसिक रूप से बीमार रही शारदा कहती हैं कि पहले उसे बुखार आया और आंखों में दर्द था। अब मैं ठीक हूं और सभी काम अपने आम कर लेती हूं। डाॅक्टर साहब ने बगीचे में घूमने को कह दिया है। वह कहती हैं कि वह पूरी तरह ठीक हो जाएगी तो वह भी सेवा कार्य करेंगी।

आश्रम के लोग पास जाने से डरते हैं
शारदा देवी को आश्रम के लोग सामान्य नहीं मान रहे हैं। वह झिझक रहे हैं और लोगों में इस बात का डर है कि कहीं उनको भी संक्रमण न हो जाए। बता दें कि ‘अपना घर’ आश्रम में 3046 लोग हैं, जिनमें 1728 महिलाएं हैं। लगभग सभी मानसिक रोग और शारीरिक अस्वस्थता की शिकार हैं।

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