निःशुल्क उपचार के लिये बनाये गये 780 नए गोल्डन कार्ड


– प्रदेश में मैनपुरी को मिला तीसरा स्थान

प्रवीण पाण्ड़ेय
मैनपुरी- आयुष्मान भारत योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाकर अभियान के तहत गोल्डन कार्ड बनवाए गए हैं। जनपद के सभी ब्लॉकों में छह-छह गांव चिन्हित किए गए, जहां गोल्डन कार्ड सबसे कम बने थे। चिन्हित गांव में कैंप लगाकर 780 पात्रों के गोल्डन कार्ड बनाए गए। खास बात यह रही कि खराब प्रगति से जुड़े इन गांवों में कार्य कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों की मेहनत रंग लायी। नए गोल्डन कार्ड बनाकर मैनपुरी जनपद ने प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल कर लिया।
     सीड़ीओ ईशा प्रिया ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना में 37 हजार से अधिक लोगों ने अब तक गोल्डन कार्ड नहीं बनवाए हैं जनपद में 1.10 लाख से अधिक पात्रों को इस योजना में शामिल किया गया है। लेकिन अब तक 83000 के ही कार्ड बन सके हैं। लगातार कैंप भी लगाए जा रहे हैं। सरकार के निर्देश पर सर्वाधिक खराब प्रगति से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार कैंप लग रहे हैं। इसके बाद 780 नए कार्ड भी बनाए गए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि इस योजना में जिन लोगों के पास गोल्डन कार्ड हैं उन्हें जरूरत पड़ने पर चिन्हित अस्पतालों में 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क उपचार मिलेगा। सरकार की इस योजना से कार्ड धारकों को बड़ा लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास गोल्डन कार्ड नहीं है वह कैंप में आकर कार्ड बनवा लें। जिन लोगों के पास कार्ड़ नहीं होगा उन्हें निःशुल्क उपचार नहीं मिल सकेगा। सिकंदरपुर में लगे कैंप का सीएमओ डॉ0 ए.के. पांडेय ने निरीक्षण भी किया।

योजना प्रभारी डॉ0सुशील पांडेय ने बताया कि कैंप आगे भी लगते रहेंगे जो पात्र हैं वह आकर कार्ड बनवा लें और सरकारी योजना का लाभ लें। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत के तहत गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए ऐसे गांवों में शिविर लग रहें हैं, जिन गांवों में अभी तक एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बना है। आयुष्मान विभाग द्वारा ऐसे गांवों की सूची तैयार कर ली गई है। जनपद में करीब 83 हजार गोल्डन कार्ड बन चुके हैं और लगभग 3 हजार लोग इस योजना के तहत निःशुल्क इलाज भी करा चुके हैं।


डॉ. ए. के. पांडेय (सीएमओ) मैनपुरी
हमारा लक्ष्य है कि योजना के प्रत्येक लाभार्थी का गोल्डन कार्ड बने। इस योजना के लाभार्थी वह लोग हैं जिन्हें प्रधानमंत्री आयोग्यपत्र, प्रधानमंत्री प्लास्टिक कार्ड या मुख्यमंत्री जन आरोग्य पत्र प्राप्त हुए हैं। लेकिन अधिकांश लोग इन पत्रों को ही गोल्डन कार्ड मानते हैं, जबकि इलाज के लिए गोल्डन कार्ड की आवश्यकता होती है। उपरोक्त पत्र लाभार्थी परिवार को सूचना मात्र है जिसमें लाभार्थी परिवार का विवरण होता है। प्रत्येक लाभार्थी से अपील है कि अपना गोल्डन कार्ड अवश्य बनवा कर रखें जिससे आवश्यकता पड़ने पर उसका लाभ लिया जा सके।

मैनपुरी से प्रवीण पाण्डेय की रिपोर्ट

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