
चीन एक रहस्यमई देश है. इस देश में क्या चल रहा है किसी को भी मालूम नहीं. मीडिया के नाम पर सरकारी भोंपू हैं जो हमेशा ड्रैगन की तारीफ करते रहते हैं. निजी मीडिया संस्थानों को कवरेज की अनुमति नहीं है. इससे साफ है कि चीन में लोकतंत्र खत्म हो चुका है. इस देश में क्या हो रहा है ये तभी पता चलता है जब कोई चीन छोड़कर बाहर चला जाए या सरकार के अंदर से ही आवाज उठाए. जिनपिंग सरकार का नियम है कि जो भी चीन के खिलाफ बयानबाजी करे किसी भी तरह से उसे जेल में सड़ने के लिए डाल दो. अब खबर आई है कि सुपर पावर बनने का सपना देख रहे चीन में महिलाओं की हालत बदतर होती जा रही है. वहां ज्यादा पढ़ी-लिखी युवतियों को सेक्सलेस और यहां तक कि थर्ड जेंडर कहा जाता है. जी हां, चीन में अगर कोई युवती पीएचडी कर डाले तो उसके लिए यही शब्द है.
दुनिया के कई देशों की तरह चीन में भी महिलाओं के साथ हिंसा गंभीर समस्या है. वहां हिंसा का अंदाजा इस बात से लग सकता है कि 40 प्रतिशत शादीशुदा या रिश्ते में आ चुकी महिलाएं यौन हिंसा और मारपीट का शिकार होती हैं. खुद ऑल चाइना वीमन्स फेडरेशन ने इस बात की पड़ताल की. हालांकि ऊपर से संपन्न और आधुनिक दिखने वाले चीन में महिलाओं के साथ हिंसा के तरीके काफी बारीक हैं. जैसे यहां पढ़ी-लिखी महिलाओं के साथ होने वाला भेदभाव.
क्वार्टज की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर वहां कोई युवती मास्टर्स से आगे पढ़ने की सोचे या पढ़े तो लड़के उससे शादी के लिए तैयार नहीं होते हैं. यहां तक कि ऐसी लड़कियों को ‘बचा-खुचा’ कहा जाता है.
शिक्षित चीनी लड़कियों के बारे में आम चीनी पुरुषों की इस सोच पर वहां काफी बहसें भी हो रही हैं. जैसे चीन में क्वोरा की तरह ही एक वेबसाइट है, जिसपर इस तरह का सवाल रखा गया कि क्या फीमेल पीएचडी शादी के लिए वाकई में बुरा विकल्प हैं? इसका जवाब वहां की दकियानूसी मानसिकता को दिखाता है. यूजर्स ने माना कि ऐसी लड़कियां बेशर्म, ढोंगी और गंदगी से रहने वाली होती हैं, जिनसे शादी नहीं की जा सकती.
विज्ञान में रुचि रखने वाले लोग UFO से खूब परिचित होंगे. चीन में एजुकेटेड लड़कियों को UFO कहा जाता है, जिसका फुल फॉर्म है- अगली (बदसूरत), फूलिश (मूर्ख) और ओल्ड (बूढ़ी). डॉक्टरेट कर रही लड़कियों के साथ खुद उनके पुरुष सहपाठी भी दोस्ती नहीं करते हैं, बल्कि अजीबोगरीब नामों से उनका मजाक उड़ाते हैं.
वैसे चीन में औरतों की बेहतर पढ़ाई को नीचा दिखाने के पीछे एक और वजह है. असल में यहां महिलाओं की तुलना में पुरुषों की जनसंख्या काफी ज्यादा है. नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स के मुताबिक साल 2020 में ही चीनी पुरुषों की संख्या महिलाओं से 24 मिलियन से ऊपर जा चुकी है. अब चीन में लड़कों की बड़ी आबादी शादी के लिए साथी न मिलने की समस्या से जूझ रही है. यहां तक कि पड़ोसी देशों और पाकिस्तान की भी माइनोरिटी से लड़कियों की चीन में तस्करी की खबरें आती रहती हैं. माना जा रहा है कि युवाओं के अविवाहित रहने पर बच्चों की संख्या भी कम रहेगी और इससे अर्थव्यवस्था पर बुरा असर होगा.
यहां तक कि चीन में महिला अधिकारों पर बात करने वाली संस्था, ऑल चाइना वीमन्स फेडरेशन ने साल 2011 में कह दिया था कि जब तक युवतियां एमए या पीएचडी खत्म करती हैं, वे बासी मोती जैसी रह जाती हैं. बता दें कि ये संस्था चीन की सरकारी संस्था है, जो खुद ही महिलाओं की उच्च शिक्षा को बाधा मानती है.











