किशनी पुलिस ने तीन माह पूर्व की गई हत्या के राज का किया पर्दाफाश


– भैंस ढूंढने गये युवक र्की इंट मार कर की गई थी हत्या
– पुलिस अधीक्षक ने थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अजीतसिंह को दी शाबाशी

किशनी/मैनपुरी- रहस्य कितना भी गहरा हो पुलिस में यदि इच्छा शक्ति हो तो उसका खुलाशा हो कर रहता है। ऐसा ही खुलाशा थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अजीतसिंह ने कर दिखाया है जिसमें तीन माह पूर्व की गई हत्या एक रहस्य बनकर रह गई थी।


   क्षेत्र के गांव सहारा निवासी राजीव खां पुत्र रेशम खां की भैंस विगत सात जुलाई को खो गई थी। राजीव खां अपनी भैंस को ढूंढते ढूंढते करीब रात नौ बजे गांव भीखपुरा के पास जा पहुंचा जहां एक ट्यूब वैल के पास गांव बघौनी निवासी दो लडके अनिल पुत्र जितेन्द्र तथा सुनील पुत्र कप्तान सिंह बैठे थे। दोनों लडकों ने राजीव खां को चोर समझ कर रोक लिया और दोनों के बीच कहासुनी हो गई। इसी बीच अनिल व सुनील ने राजीव खां के सर पर ईंट का प्रहार कर दिया। प्रहार इतनी जोर का था कि राजीव बेसुध होकर वहीं पर गिर कर मर गया। दोनों लड़के उसकी लाश को छिपा कर वहां से चुपचाप भाग कर घर आ गये। करीब चैबीस घंटों के बाद दोनों को लगा कि लाश से बदबू उठने लगी है तो वह घबराये और उन्होंने लाश को अपने खेत से करीब दो तीन सौ मीटर दूर ले जाकर अरिन्द नदी के किनारे पतेल आदि में दबा कर छिपा दिया। उनके इस काम में साथ दिया अनिल के छोटे भाई समोद पुत्र जितेन्द्र, कमोद पुत्र फूलसिंह, मनोज पुत्र भूरे सिंह, सतेन्द्र पुत्र महिपाल सिंह निवासी बघौनी ने। राजीव के भाई की तहरीर पर थाना पुलिस ने एक दिन बाद ही गुमसुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करली थी। पुलिस तभी से मृतक राजीव की तलाश में जुटी थी। पुलिस ने जब गहन तलाश की तो दो नाम खुलकर सामने आगये। इसके बाद पुलिस ने बीस सितम्बर को अनिल तथा सुनील के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर लिया। इसी बीच अनिल ने कोर्ट में सरैंडर कर दिया। पर सुनील फरार हो गया।

केस को खोलने के लिये इंस्पेक्टर अजीतसिंह ने अनिल को जेल से शुक्रवार को पुलिस रिमाण्ड पर ले लिया। शुक्रवार दस बजे से पुलिस लगातार गहन पूछताछ करती रही पर अनिल पुलिस को इधर उधर घुमाता रहा। शनिवार को पुलिस की कडी पूछताछ के बाद अनिल टूट गया और उसने सारा वृतान्त पुलिस के सामने उगल दिया। शनिवार को पुलिस अधीक्षक अजय कुमार, सीओ अमर बहादुर, एसओजी तथा सर्विलांस की टीम गांव भीखपुरा के पास अरिन्द नदी के किनारे पहुंचे जहां पर अनिल ने सहयोगियों की मदद से लाश को छिपाया था।

पुलिस को लाश के नाम पर सिर्फ कंकाल मात्र मिला। कंकाल पर मौजूद कपडों को मृतक के भाइयों तथा पिता ने पहिचान लिया। पुलिस को मृतक की जेब से चुनाव आयोग द्वारा जारी परिचय पत्र भी प्राप्त हुआ है। चूंकि पुलिस रिमाण्ड का समय शनिवार तीन बजे तक का ही था सो पुलिस ने अनिल को दुबारा जेल भेज दिया तथा कंकाल का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। जहां उसका पीएम एक पैनल द्वारा किया जायेगा। पुलिस अधीक्षक ने इंस्पेक्टर अजीतसिंह के काम की तारीफ कर उनकी पीठ थपथपाई। इंस्पेक्टर अजीतसिंह का कहना है कि पुलिस जल्दी ही बाकी आरोपियों को भी सलाखों के पीछे करने का प्रयास करेगी।

मैनपुरी से प्रवीण पाण्डेय की रिपोर्ट

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