पराली/फसल अपशिष्ट जलाने की घटनाओं की सेटेलाइट एवं ड्रोन कैमरो से की जा रही निगरानी

बहराइच। उप कृषि निदेशक डा. आर.के. सिंह ने बताया कि शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा सख्त निर्देश एवं दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही के बावजूद किसान भाइयों द्वारा खेतों में धान की पराली/फसल अपशिष्ट जलाये जाने से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है तथा मानव स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्यायें उत्पन्न हो रही है। साथ ही इससे भूमि की उर्वरा षक्ति तथा भूमि में पाये जाने वाले लाभदायक जीवाणु नष्ट हो रहे है। मा. राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली तथा मा0 सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के क्रम में पराली/फसल अपशिष्ट जलाना पूर्णतयः प्रतिबंधित कर दिया गया है तथा इसे दण्डनीय अपराध घोषित किया गया है।

पराली/फसल अपशिष्ट जलाने की घटना की पुष्टि होने पर 02 एकड़ तक के कृषक पर रू0 2500/- प्रति घटना, 02 से 05 एकड़ तक के कृषक पर रू0 5000/- प्रति घटना तथा 05 एकड़ से अधिक के कृषक पर रू0 15000/- प्रति घटना अर्थ दण्ड लगाये जाने का प्राविधान है। साथ ही घटना की पुर्नरावृत्ति होने पर कारावास एवं अर्थ दण्ड दोनो का प्राविधान किया गया है। पराली/फसल अपशिष्ट को आधुनिक कृषि यंत्रों यथा मल्चर, रिवर्सेबुल एम0वी0 प्लाऊ, शे्रडर, रोटावेटर, रोटरी स्लेशर, हैरो आदि यंत्रों का प्रयोग कर खेत में मिलाकर खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाई जा सकती है अथवा कम्पोस्ट पिट में डालकर उसे सड़ाकर कम्पोस्ट खाद बनाया जा सकता है खेतों अथवा कम्पोस्ट पिट में पराली/फसल अपशिष्ट को शीघ्र सड़ाने के लिये वेस्ट डी कम्पोजर की 20 ग्राम मात्रा को 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव किया जा सकता है।


उन्होंने कहा कि पराली को गौ-आश्रय स्थलों में संरक्षित निराश्रित पशुओं हेतु चारे एवं बिछौना के लिये दान किया जा सकता है। शासन के निर्देश के क्रम में ग्राम पंचायत के माध्यम से पराली एकत्र कराकर गौ-आश्रय स्थलों को पहुंचाया जा रहा है। साथ ही मनरेगा के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों के माध्यम से कम्पोस्ट पिट तैयार कराकर पराली को कम्पोस्ट पिट में डालकर कम्पोस्ट तैयार किया जा रहा है। अतः किसान भाइयों से अनुरोध है कि पराली/फसल अपशिष्ट को कदापि न जलायें अपितु उसको ग्राम पंचायत के माध्यम से गौ-आश्रय स्थलों को भेजवायें अथवा उसका कम्पोस्ट बनाने में प्रयोग करें। इसकेे अतिरिक्त किसान भाई मैसर्स विपुल इण्डस्ट्रीज, स्थित जिओ धर्म काटा हुसैनपुर आसाम रोड रिसिया मोबाइल नम्बर-9415036952 को रू0 150/- प्रति कु0 की दर से विक्रय किया जा सकता है। 


जनपद में पराली/फसल अपशिष्ट जलाने की घटनाओं की सेटेलाइट एवं ड्रोन कैमरो से मानिटरिंग की जा रही है। साथ ही ग्राम पंचायत, न्यायपंचायत, विकास खण्ड एवं तहसीलवार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जो दिन-रात भ्रमण कर कृषकों को जागरुक एवं निगरानी कर रहें है। जनपद में अब तक पराली/फसल अपषिश्ट जलाये जाने की 66 घटनायें हो चुकी है। जिसके सापेक्ष अब तक 72 किसानों/व्यक्तियों के विरुद्ध 47 एफ0आई0आर कराया जा चुका है तथा 29 दोषी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। साथ ही रू0 372500/- का अर्थ दण्ड लगाया गया है जिसके सापेक्ष 122500/- की वसूली भी हो चुकी है। किसान भाइयों से अनुरोध है कि पराली/फसल अपशिष्ट खेतों में न जलाकर उसका उपरोक्तानुसार समुचित उपयोग करने का कष्ट करें ताकि वायु प्रदूषण न फैले, भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़े एवं  निराश्रित पशुओं को चारे की व्यवस्था भी हो जाये। साथ ही किसान भाइयों के विरुद्ध किसी प्रकार की दण्डात्मक कार्यवाही न करना पड़े।

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