किसानों ने सीखी गौ आधारित प्राकृतिक खेती की तकनीक


भास्कर न्यूज वाराणसी-*ब्यूरो

वाराणसी। खेतों मे रसायनिक खादों व कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग अब खतरनाक मोड़ पर है और समय रहते यदि हम सावधान नही हुए तो खेत व खेती को बचा पाना मुश्किल होगा।रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति,उत्पादन ,भूजल स्तर व मानव स्वास्थ्य मे लगातार गिरावट आ रही है ऐसे मे अब हमे रयायनिक खेती को छोड़कर गौ आधारित प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा।उक्त सलाह लोक भारती के सम्पर्क प्रमुख एवं  कृषि समृद्धि आयोग के सदस्य श्रीकृष्ण चौधरी ने कृषि प्रसार कार्यकर्ताओं व किसानों को दी।श्री चौधरी शुक्रवार को सेवापुरी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय-हांथी मे कृषि विभाग द्वारा आयोजित प्राकृतिक खेती पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

शुक्रवार को सेवापुरी विकास खण्ड के 87 गाँवों व 12 न्याय पंचायतों मे लोक भारती के सहयोग से कृषि विभाग द्वारा जीरो बजट गो आधारित प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया।प्रशिक्षण के दौरान गौ सेवा प्रमुख अरविंद कुमार ने कहा कि खेती को लाभकारी बनाने के लिए जीरो बजट व गौ आधारित प्राकृतिक खेती का तरीका अपनाना होगा।यह कृषि पद्यति पर्यावरण,गौ संरक्षण व कृषि उपज को बढ़ाकर मृदा की संरचना को ठीक करती है जिसके फलस्वरूप उत्पादन मे बृद्धि होती है।

पद्मश्री श्री सुभाष पालेकर द्वारा विकसित इस पद्यति की उपयोगिता एवं एवं सार्थकता पर अभियान के संयोजक गोपाल उपाध्याय ने बिस्तार से प्रकाश डाला ।बहराइच से आये प्रगतिशील किसान अनिरूद्ध यादव,अवधराम गिरि,राममगन पाठक,रायबरेली के किसान सत्य प्रकाश मिश्रा व रोषपाल सिंह ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि देशी गाय के गोबर ,गोमूत्र का उपयोग कर जीवामृत,घनजीवामृत,बीजामृत,दशपर्णी अर्क बनाया जाता है जो उत्पादन बढ़ाने के साथ ही फसल सुरक्षा मे सहायक है। इस अवसर पर गायत्री परिवार से रामशंकर सिंह,हरिओम सेवा संस्थान से अशोक राय,प्रतिभा राय,उप कृषि निदेशक स्मिता वर्मा,जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्या के साथ ही कृषि विभाग व उद्यान विभाग के कर्मचारी व अधिकारी उपस्थित रहे।प्रशिक्षण कार्यक्रम मे चोलापुर के खण्ड तकनीकी प्रबंधक देवमणि त्रिपाठी,सहायक तकनीकी प्रबंधक पंकज भास्कर, ओम प्रकाश गुप्ता,शिवदाश सहित गोसाईंपुर,खरगुपुर,सारंगपुर,तेंदुई व प्राथमिक विद्यालय बरेमा मे आयोजित जीरो वजट खेती के प्रशिक्षण शिविर मे भटौली हरिहरपुर,हिरामनपुर,जगापट्टी,रामेश्वर आदि गाँवों के प्रगतिशील कृषक उपस्थित रहे।

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