
कौशांबी जिले में बारूद के कारखाने अवैध तरीके से तमाम चल रहे हैं जहां पूर्व के अनुभव बताते हैं कि बेवजह निर्दोष लोगों की मौत भी हो चुकी है बारूद के कारखाना चलाने वाले लोगों के पास कारखाना चलाने का लाइसेंस नहीं है बारूद से सामान बनाने के लाइसेंस के कठोर नियम है जिसके चलते इन्हें लाइसेंस मिल पाना भी संभव नहीं है पटाखा बेचने का लाइसेंस लेकर जिले में बेखौफ तरीके से आतिशबाज द्वारा बारूद के सामान पटाखे बनाए जाते हैं जो लोगों की जिंदगी सुरक्षा के साथ भरपूर खिलवाड़ है
बीते वर्ष भी भरवारी कस्बे में एक पटाखा कारखाने में हादसे के बाद कई लोगों की मौत हो गई थी पूर्व में भी अन्य कस्बो में बारूद से सामान बनाने वाले आतिशबाज के कारखानों में हादसे हो चुके हैं जहां मौतें भी हुई थी लेकिन इस मौत के बाद भी पटाखा के धंधे से जुड़े आतिशबाज के अवैध कारखाने बारूद से बने सामान और बारूद को जप्त करने की कार्यवाही अभी तक पुलिस ने नहीं किया जिससे जिले में कभी भी गंभीर हादसे के बाद जिला हिल सकता है
दीपावली का पर्व आते ही भरवारी मूरतगंज सराय अकिल पुरामुफ्ती मनौरी सल्लाहपुर कड़ा करारी पश्चिम शरीरा तिल्हापुर आदि कस्बों में संचालित बारूद के कारखाने आतिशबाजी के धंधे में लगे लोग कम समय में अधिक कमाई के चक्कर में इन आतिशबाजो द्वारा आमजन की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है जिले में बेखौफ तरीके से चल रहे बारूद के कारखाने की ओर अभी तक अग्निशमन दल के अधिकारियों ने भी सटीक सूचना एकत्रित कर बारूद कारखाने पर कार्यवाही करते हुए आला अधिकारियों को अवगत नही कराया है जो अग्निशमन दल के अधिकारियों की घोर लापरवाही की ओर इशारा करता है हादसे के वक्त सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम इन कारखानों के पास नहीं है जिसका नतीजा बीते वर्ष देखा जा चुका है अवैध कारखाना संचालित करने वाले लोग भी सुरक्षा को लेकर सचेत होते हैं और पानी के टैंक के साथ-साथ आग बुझाने वाले तमाम अन्य उपकरण की व्यवस्था पूर्व से सुरक्षा का एहसास करते हैं लेकिन आतिशबाजो द्वारा पटाखा बनाए जाने के समय अग्नि से बचाव के इंतजाम भी नहीं किए गए जिससे खतरे की संभावना बढ़ जाती है










